नवपाषाण काल के प्रमुख स्थल | नवपाषाण काल की प्रमख विशेषताएं

नवपाषाण काल के प्रमुख स्थल | नवपाषाण काल की प्रमख विशेषताएं

भारत में पाषाणकाल के विभिन्न चरणों में सबसे महत्वपूर्ण नवपाषाण काल है। इस काल में आदिमानव ने जंगली अवस्था छोड़कर सामाजिक और सामुदायिक जीवन का प्रारम्भ किया और वर्तमान मानव के विकास का मार्ग प्रसस्थ किया। यह वह समय था जब भौगोलिक परिस्थितियां अनुकूल होने लगी और जनसँख्या का विस्तरर होने लगा। इस लेख में … Read more

कण्व राजवंश का इतिहास- प्रमुख शासक और राजधानी

कण्व राजवंश

प्राचीन भारत में कण्व राजवंश एक काम महत्व वाला राजवंश रहा है, जिसके बारे में इतिहासकारों ने बहुत विस्तार से चर्चा नहीं की है। इस राजवंश की राजधानी और उसके प्रमुख शासकों के विषय में हम इस लेख में चर्चा कर रहे हैं। इतिहास की दृष्टि से कण्व राजवंश एक महत्वपूर्ण कड़ी है जिसके तार … Read more

क्या पुष्यमित्र शुंग बौद्धों का शत्रु था? Pushyamitra Shunga an enemy of Buddhists

Pushyamitra Shunga an enemy of Buddhists

अंतिम मौर्य नरेश ब्रहद्रथ के मुख्य सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने ब्रहद्रथ की हत्या कर शुंग वंश की नींव रखी। उसके जीवन के विषय में ठोस जानकरी अभाव है। दिव्यावदान ग्रन्थ से जानकरी मिलती है कि उसके पिता का नाम पुष्यधर्म था। Pushyamitra Shunga -पुष्यमित्र ने अपने जीवन का प्रारम्भ एक सैनिक के रूप में प्रारम्भ … Read more

Sixteen Mahajanapadas in Hindi | सोलह महाजनपद के नाम

सोलह महाजनपद के नाम | Sixteen Mahajanapadas in Hindi

प्रचीन भारत का इतिहास जानने के लिए सोलह महाजनपदों का नाम जानना अति आवश्यक है। यही वे वे प्रारम्भिक महाहजनपद थे जिनसे एक विशाल भारत की नीव पड़ी। नन्द वंश और मौर्यकाल से पूर्व यही Sixteen Mahajanapadas-सोलह महाजनपद भारत की राजनितिक व्यवस्था का केन्द्र्विंदु थे। भारत के राजनैतिक इतिहास का प्रारम्भ हम सातवीं शती के … Read more

ऋग्वेदिक आर्य-वर्ण, आर्य-अनार्य, आजीविका और दास-दासियाँ- RigVedic Arya

RigVedic Arya

भारत में (१२०० – १००० ईसा पूर्व ) के काल को मुख्य रूप से ऋग्वेद का काल माना जाता है। उस समय भारत में जातीयों का उल्लेख नहीं है लेकिन क्षेत्रीय अथवा रक्तधारित विशेषताओं के आधार पर उस समय चार जातियां मुख्य रूप से विद्यमान थीं- कोल या कोलारी ( निषाद, आस्ट्रिक ), ये सप्तसिंधु … Read more

विजयनगर साम्राज्य में आने वाले विदेशी यात्री

विजयनगर साम्राज्य में आने वाले विदेशी यात्री

विजयनगर साम्राज्य जिसकी स्थापना हरिहर और बुक्का नाम के दो भाइयों द्वारा की गई थी और यह मध्यकालीन इतिहास का सबसे प्रसिद्ध दक्षिण का राज्य था। विजयनगर साम्राज्य की ख्याति देश और विदेश में फैली। इस साम्राज्य में कई विदेशी यात्रियों ने भ्रमण किया और इसके बारे में अपने वृतांत लिखे। इस लेख में हम … Read more

वैदिककालीन साहित्य- वेद, ब्राह्मण ग्रंथ, आरण्यक और उपनिषद

हड़प्पा सभ्यता के पतन के पश्चात् भारत में एक नवीन सभ्यता का उद्भव हुआ और इस सभ्यता को वैदिक सभ्यता कहा जाता है। इस सभ्यता के बारे में सबसे ठोस जानकारी वेदों में मिलती है

हड़प्पा सभ्यता के पतन के पश्चात् भारत में एक नवीन सभ्यता का उद्भव हुआ और इस सभ्यता को वैदिक सभ्यता कहा जाता है। इस सभ्यता के बारे में सबसे ठोस जानकारी वेदों में मिलती है जिसके कारण इसे वैदिक सभ्यता कहा जाता है। यद्यपि प्रारम्भ मरण वेद मौखिक रूप से पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ते … Read more

गुप्तकालीन प्रशासनिक व्यवस्था | Gupta Administrative System in Hindi

गुप्तकाल को भारत में ब्राह्मण धर्म और हुन्दुओं के उत्थान का काल माना जाता है। गुप्तकालीन शासक अपने अदम्य शौर्य और शक्तिशाली सैन्य व्यवस्था के साथ कुशल प्रशासनिक व्यवस्था के लिए भी प्रसिद्ध थे। इस लेख में हम गुप्तकालीन प्रशासनिक व्यवस्था के विषय में जानेंगे। लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।

बौद्ध धर्म के विकास में बौद्ध संगीतियों की भूमिका- चार बौद्ध संगीतियाँ

बौद्ध संगीतियाँ

बौद्ध संगीतियाँ-भारतीय इतिहास में महात्मा बुद्ध और उनके द्वारा स्थापित बौद्ध धर्म सबसे प्रामाणिक और स्वीकार्य धर्म रहा है। तत्कालीन शासकों ने बौद्ध धर्म को राजकीय संरक्षण दिया और भारत सहित देश विदेशों में बौद्ध धर्म ने अपनी जड़ें जमाई। इसी क्रम में चार बौद्ध दंगीतियों के आयोजन ने बौद्ध धर्म के विकास में महत्वपूर्ण … Read more

सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों का धार्मिक जीवन

सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों का धार्मिक जीवन

सिंधु घाटी सभ्यता-विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक हड़प्पा सभ्यता अथवा सिंधु सभ्यता का महत्व हमारे वर्तमान जीवन से गहराई से जुड़ा है। हमारे धार्मिक विश्वास और संस्कृति के अनेक पहलुओं की झलक हमें सिंधु सभ्यता में देखने को मिलती है। यद्यपि उनके धार्मिक विश्वास कुछ प्रवृत्ति में प्राकृतिक चीजों से जुड़े थे और … Read more