ऋग्वेदिक आर्य-वर्ण, आर्य-अनार्य, आजीविका और दास-दासियाँ- RigVedic Arya
भारत में (१२०० – १००० ईसा पूर्व ) के काल को मुख्य रूप से ऋग्वेद का काल माना जाता है। उस समय भारत में जातीयों का उल्लेख नहीं है लेकिन क्षेत्रीय अथवा रक्तधारित विशेषताओं के आधार पर उस समय चार जातियां मुख्य रूप से विद्यमान थीं- कोल या कोलारी ( निषाद, आस्ट्रिक ), ये सप्तसिंधु … Read more