तालीकोटा का युद्ध और विजयनगर साम्राज्य का पतन – कारण, घटनाएँ और परिणाम
25 दिसंबर, 1564 को लड़ी गई तालीकोटा की लड़ाई में दक्षिण की ओर बढ़ रहे चार अलग-अलग शासकों [बीजापुर, बीदर, अहमदनगर और गोलकुंडा] का प्रतिनिधित्व करने वाली संयुक्त सेनाओं का गठबंधन देखा गया। 23 जनवरी, 1565 को रक्षास और तागड़ी गांवों के बीच, सहयोगी दक्षिणी राज्यों ने विजयनगर साम्राज्य के विरुद्ध हमला शुरू कर दिया। इस संघर्ष को तालीकोटा की लड़ाई के नाम से जाना जाता है, जिसके परिणामस्वरूप मुसलमानों को विजय प्राप्त हुई। निज़ामशाह हुसैन ने व्यक्तिगत रूप से आलिया राम राजा को मार डाला और विजयी होकर कहा, “अब मैंने तुझसे बदला ले लिया है; ईश्वर जो चाहे करे।”
Ambedkar Parinirvan divas 2024 Spaciale: जाने बाबासाहेब डॉ. बी. आर. अम्बेडकर के अनजाने तथ्य जो बहुत काम लोग जानते हैं
भारत रत्न से सम्मानित डॉ. भीमराव अम्बेडकर को विश्व स्तर पर प्रशंसित कानूनी विशेषज्ञ, भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार और लाखों उत्पीड़ित, हाशिये पर पड़े पिछड़ा वर्ग और आदिवासी, दलितों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करने के लिए समर्पित एक चैंपियन के रूप में हमेशा याद किया जाता है। गैर-कांग्रेसी नेता भीमराव अंबेडकर ने तीनों गोलमेज़ सम्मेलनों में सक्रिय रूप से भाग लिया।
सिन्धु नदी – उद्गम स्थल, लम्बाई, वनस्पति, अर्थव्यवस्था, महत्व और जनजीवन
सिंधु नदी दक्षिण एशिया में स्थित एक ऐतिहासिक महत्व की ट्रांस-हिमालयी नदी है। यह विश्व की सबसे लंबी नदियों में से एक है, जो लगभग 2,000 मील (3,200 किलोमीटर) तक फैली हुई है। लगभग 450,000 वर्ग मील (1,165,000 वर्ग किलोमीटर) के विशाल जल निकासी क्षेत्र को शामिल करते हुए, जिसमें से 175,000 वर्ग मील (453,000 … Read more
गुप्तों के पतन के बाद उत्तर भारत की राजनीतिक दशा
मौर्यकाल के पतन के बाद भारत में एक मजबूत राजनीतिक इकाई का अभाव हो गया, जिसे गुप्तकाल में पूरा किया गया। गुप्तकाल [ 319-467] में एक से बढ़कर एक महान शासक हुए और भारत को शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में स्थापित किया। गुप्तों के पतन के बाद एक बार फिर उत्तर भारत में शक्ति शून्य उभर गया। उसके बाद उत्तर भारत में राजनीतिक रूप से क्षेत्रीय शक्तियों का उदय हुआ। इस लेख में हम गुप्तकाल के बाद उत्तर भारत की राजनीतिक दशा का वर्णन करेंगे।
1857 के विद्रोह में झलकारीबाई की भूमिका – ऐतिहासिक विश्लेषण
जब हम 1857 के विद्रोह की बात करते हैं तो उसमें मर्दानगी से लड़ने वाली रानी लक्ष्मीबाई का नाम सबसे ऊपर लिखा जाता है। लेकिन आप में से बहुत कम लोगों ने झलकारीबाई (22 नवंबर 1830 – 5 अप्रैल 1858) का नाम सुना होगा। वह एक महान निडर महिला सैनिक थीं, जिन्होंने 1857 के प्रथम भारतीय विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जिसे इतिहासकारों ने इतिहास के पन्नों में स्थान देना उचित नहीं समझा।
नेपाल भूकंप अपडेट- पश्चिमी नेपाल में आये जोरदार भूकंप ने अब तक 150 से अधिक लोगों की जान ली
नेपाल भूकंप अपडेट नेपाल में विनाशकारी भूकंप ने जनजीवन को पहुंचे हानि, सुदूर पश्चिमी नेपाल में आए तेज भूकंप ने 150 से अधिक लोगों को मौत की नींद सुला दिया। राहत और बचाव के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती काठमांडू से 500 किमी पश्चिम में स्थित जजरकोट और पश्चिमी रुकुम के पिछड़े जिलों में सहायता … Read more
भारत का सर्वोच्च न्यायालय: गठन, नियुक्तियाँ, शक्तियाँ, न्यायधीशों की संख्या, अधिकार क्षेत्र, वेतन और भत्ते
भारत का सर्वोच्च न्यायालय, जिसे हम सुप्रीम कोर्ट कहते हैं, संविधान की सुरक्षा और देश की न्यायिक प्रक्रिया का स्तम्भ है। देश की इस सर्वोच्च अदालत को न्यायिक समीक्षा की शक्ति प्राप्त है, जो इसे भारतीय संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाली विधायी और प्रशासनिक गतिविधियों की जांच करने और आवश्यकता पड़े तो रद्द करने में सक्षम बनाती है। इसके अतिरिक्त, सर्वोच्च न्यायालय भारत के संविधान के तहत अंतिम अपीलीय अदालत के रूप में कार्य करता है, जो न्याय चाहने वाले व्यक्तियों को अंतिम सहारा प्रदान करता है।
राजपूतों की उत्पत्ति संबंधी विभिन्न सिद्धांत
मगध भारत का सबसे प्राचीन साम्राज्यों के उत्पत्ति का गवाह रहा जहाँ हर्यक, नागवंश, नन्द वंश, मौर्य वंश, शुंग वंश और गुप्त वंश जैसे महान वंशों ने शासन किया। गुप्तों के पतन के पश्चात मगध का स्थान कन्नौज ने लिया और हर्षवर्धन ने उत्तर से लेकर बंगाल और दक्षिण तक आपने साम्राज्य का विस्तार किया। … Read more
चार्ल्स तृतीय- जीवनी, शिक्षा, आयु, परिवार, पत्नी, बच्चे, ब्रिटेन के राजा | Charles III- Biography in Hindi
चार्ल्स तृतीय: राजकुमार से ब्रिटेन के राजा तक का सफर चार्ल्स III, जो प्रिंस चार्ल्स के रूप में प्रसिद्ध है और उनका वास्तविक पूरा नाम चार्ल्स फिलिप आर्थर जॉर्ज है, वे ब्रिटेन की शाही उपाधियों की एक शानदार वंशावली है, जिसमें प्रिंस ऑफ वेल्स, अर्ल ऑफ चेस्टर, ड्यूक ऑफ कॉर्नवाल, ड्यूक ऑफ रोथसे, अर्ल ऑफ … Read more