Biography of Zakir Hussain in Hindi | तबला वादक जाकिर हुसैन की जीवनी

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Zakir Hussain Death -विश्व प्रसिद्ध तबला वादक उस्ताद जाकिर हुसैन का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से दुनियाभर में शोक की लहार दौड़ गई। 9 मार्च 1951 में जन्मे जाकिर हुसैन हुसैन की मृत्यु 16 दिसंबर 2024 को सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में हुई। वे इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस नामक बीमारी से जूझ रहे थे और अंततः 73 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। उनकी मृत्यु के साथ ही लोग उनके परिवार, पत्नी, माता – पिता और बच्चों के बारे में जानना चाहते हैं। हम इस Biography of Zakir Hussain in Hindi लेख में उस्ताद जाकिर हुसैन से संबंधित समस्त जानकारी आपको उपलब्ध करा रहे हैं।

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Biography of Zakir Hussain in Hindi | तबला वादक जाकिर हुसैन की जीवनी

Biography of Zakir Hussain in Hindi- प्रारम्भिक जीवन और शिक्षा

उस्ताद जाकिर हुसैन का जन्म मुंबई में 9 मार्च 1951 में हुआ। उनके पिता का नाम उस्ताद अल्ला रक्खा है वे भी महान तबला वादन थे। बहुत ही काम आयु में जाकिर ने तबला पर अपनी पकड़ बना ली थी मात्र सात साल की आयु में वे तबला वादन करने लगे और 12 वर्ष की आयु में अपना पहला संगीत प्रोग्राम प्रस्तुत किया। उनकी माता का नाम बावी बेगम था। हुसैन ने सेंट माइकल हाई स्कूल से अपनी शिक्षा प्राप्त की और बाद में मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। हुसैन ने वाशिंगटन विश्वविद्यालय से संगीत में डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की।

नाम जाकिर हुसैन
जन्म 9 मार्च 1951
जन्मस्थान मुंबई
पिता उस्ताद अल्ला रक्खा
माता बावी बेगम
पत्नी एंटोनिया मिनेकोला
बच्चे बेटी अनीसा और इसाबेला कुरैशी
भाई – बहन तौफीक कुरैशी ( तालवादक ) और फजल कुरैशी, रजिया
पेशा तबला बादक और संगीतकार
शिक्षा सेंट जेवियर्स कॉलेज से स्नातक की उपाधि
पुरस्कार पद्म श्री, पद्म भूषण और पदम् विभूषण
मृत्यु 16 दिसंबर 2024 (75 वर्ष )

जाकिर हुसैन का परिवार और बच्चे

हुसैन कथक डांसर एंटोनिया मिनेकोला से विवाह किया और वे ही उनकी मैनेजर हैं। दम्पत्ति के दो बेटियाँ हैं: बड़ी बेटी अनीसा ने यूसीएलए से स्नातक किया है, जो एक फिल्म निर्माता हैं और इसाबेला कुरैशी मैनहट्टन में नृत्य की पढाई कर रही हैं।

इसके अतिरिक्त हुसैन के दो भाई भी थे: तौफीक कुरैशी ( तालवादक ) और फजल कुरैशी, भी तबला वादक थे। उनके एक अन्य भाई मुनव्वर की छोटी उम्र में ही पागल कुत्ते के काटने से मृत्यु हो गई थी। हुसैन के जन्म से पूर्व ही उनकी बड़ी बहन बिलकिस की मृत्यु हो गई थी। एक अन्य बहन, रजिया, वर्ष 2000 में अपने पिता की मृत्यु के कुछ घंटे पूर्व मोतियाबिंद की जटिल सर्जरी के दौरान मर गई थी। उनकी खुर्शीद नाम की एक और बहन है।

जाकिर हुसैन का शिक्षक के रूप में कार्य

हुसैन को प्रिंसटन विश्वविद्यालय में मानविकी परिषद द्वारा Old Dominion Fellow के रूप में नामित किया, जहाँ उन्होंने संगीत विभाग में वैतनिक प्रोफेसर के रूप में 2005-2006 सेमेस्टर के लिए कार्यरत रहे। इसके अतिरिक्त वह स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में गेस्ट प्रोफेसर भी थे। मई 2022 में, उन्हें मुंबई विश्वविद्यालय द्वारा संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ लॉ (LLD ) की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।

जाकिर हुसैन की नेट वर्थ

यह हम सब जानते हैं कि उस्ताद जाकिर हुसैन एक विश्व प्रसिद्ध तबला वादक थे। वे संगीत की दुनिया में ध्रुव तारे के सामान उदयीमान हुए। उन्होंने अपनी संगीत कला के माध्यम से खूब धन कमाया। उनकी मृत्यु के समय दिसंबर 2024 तक, उनकी कुल अनुमानित संपत्ति लगभग 1 मिलियन अमरीकी डॉलर या 84,809,500 रुपये है।

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जाकिर हुसैन की मृत्यु

जाकिर हुसैन की मृत्यु आज 16 दिसंबर 2024 को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में Idiopathic Pulmonary Fibrosis नामक बीमारी के कारण उत्पन्न स्वास्थ्य जटिलताओं के कारण 73 वर्ष की आयु में हो गई। उनकी मृत्यु से उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई।

जाकिर हुसैन की संगीत यात्रा

ज़ाकिर हुसैन का संगीत सफर व्यक्तिगत और अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों के साथ काम करते हुए बीता है। उन्होंने 1970 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा करके दुनियाभर में अपने प्रशंसक बनाये और विश्व ख्याति प्राप्त की. हुसैन ने प्रति वर्ष 150 से अधिक संगीत कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। संगीत के प्रति उन्होंने नवीन दृष्टिकोण प्रस्तुत किया और कई शैलियों, जैज़ और विश्व संगीत के कई अलग-अलग संगीतकारों के साथ सहयोग करने के लिए प्रेरित किया।

इसके अतिरिक्त हुसैन ने 1991 में, प्रसिद्ध ड्रमर मिकी हार्ट के साथ मिलकर एल्बम प्लैनेट ड्रम पर काम किया, और ग्रैमी पुरस्कार जीता। हुसैन को पूरे करियर में कई ग्रैमी पुरस्कार के लिए नामंकन हासिल हुआऔर कई जीते। फरवरी 2024 में तीन ग्रैमी पुरस्कार जीते । हुसैन 1996 में अटलांटा में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह जैसे महत्वपूर्ण आयोजनों के लिए संगीत कार्यक्रम में भी शामिल थे।

उस्ताद जाकिर हुसैन को मिले पुरस्कार और सम्मान

पुरस्कारवर्ष
पद्म श्री1988
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार1990
नेशनल हेरिटेज फेलोशिप (अमेरिकी राष्ट्रीय कला निधि से)1999
पद्म भूषण2002
संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप2018
पद्म विभूषण2023

उस्ताद जाकिर हुसैन की अन्य उपलब्धियां

पुरस्कार / उपलब्धिविवरणवर्ष
ग्रैमी अवॉर्ड्स66वें वार्षिक ग्रैमी अवॉर्ड्स में तीन पुरस्कार (एक ही रात में)फरवरी 2024
– बेस्ट ग्लोबल म्यूजिक परफॉर्मेंस – Pashto
– बेस्ट कंटेम्पररी इंस्ट्रुमेंटल एलबम – As We Speak
– बेस्ट इंस्ट्रुमेंटल कम्पोज़िशन – Motion
अंतरराष्ट्रीय मान्यताविश्व संगीत आंदोलन में प्रमुख व्यक्तित्व; मिकी हार्ट, जॉन मैकलॉघलिन, चार्ल्स लॉयड और हर्बी हैनकॉक जैसे कलाकारों के साथ सहयोग।
संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारसंगीत नाटक अकादमी पुरस्कार1990
संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप2019
रचनाएँ और कॉन्सर्टोतीन कॉन्सर्टो की रचना; तीसरा कॉन्सर्टो – पहला तबला कॉन्सर्टो जिसे ऑर्केस्ट्रा द्वारा प्रस्तुत किया गया।2015
सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा ऑफ इंडिया द्वारा इसका प्रीमियर हुआ।

निष्कर्ष

उस्ताद जाकिर हुसैन की मृत्यु भारत और संगीत प्रेमियों के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। संगीत की पृष्ठभूमि में जन्में हुसैन ने अपनी विरासत को भारत और विश्व में प्रसिद्ध किया।

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आर्टिकल स्रोतविकिपीडिया , जागरणजोश


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