Positive Thinking Bhagavad Gita Quotes In Hindi | श्रीमद्भगवत गीता के अनमोल विचार और शिक्षाएं

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श्रीमद्भगवत गीता-Bhagavad Gita हिन्दू धर्म से जुड़ा एक पवित्र ग्रंथ है जो मानवमात्र को कर्म और सत्य मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है, साथ ही मनुष्य को धर्म की वास्तविक परिभाषा समझाता है। यह एक ऐसा हिन्दू पवित्र ग्रंथ है, जो आपको मोक्ष की ओर ले जाता है। वैसे तो भगवत गीता प्राचीन सनातन हिन्दू वैदिक संस्कृति और धर्म का आधार है, परंतु वर्तमान में विश्व के कल्याण के लिए इस पवित्र ग्रंथ से मिलने वाले ज्ञान को समझने और समझाने की बहुत आवश्यकता है क्योंकि यही हिन्दू सनातन संस्कृति है, और यही शाश्वत सत्य है। इस लेख में हम Bhagavad Gita Quotes in Hindi के माध्यम से आप इस पवित्र ज्ञान पर आधारित अनमोल वचन को पढ़ेंगे। यही सत्य ज्ञान आपको तनावमुक्त रहने का वास्तविक माध्ययम बताएंगे।

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Positive Thinking Bhagavad Gita Quotes In Hindi | श्रीमद्भगवत गीता के अनमोल विचार और शिक्षाएं

छात्र / छात्राओं के लिए Bhagavad Gita का ज्ञान

श्रीमद्भगवत विश्व का एक मात्र ऐसा प्रेरणादायी ग्रंथ है, जो छात्रों को भी प्रेरित कर सत्य मार्ग पर चलने की प्रेरण देता है और जीवन में आने वाली चौनौतियों से सामना करने योग्य बनाता है। Bhagavad Gita Quotes in Hindi के माध्यम से आप ज्ञानवर्धक अनमोल वचनों को पढ़ पाएंगे, जो एक विद्यार्थी के जीवन सत्य सद्मार्ग दिखाएंगे। ऐसे कुछ प्रेरक वचन निम्नलिखित हैं-

“सत्य कर्म ज्ञान से अज्ञान मनुष्य, कोई महामानव नहीं केवल अज्ञानी है।”
छात्र / छात्राओं के लिए Bhagavad Gita का ज्ञान
“मोह बंधन ही मनुष्य को पथभ्रष्ट करते हैं, सफलता के लिए सत्यमार्ग पर चलना परम आवश्यक है।”
Positive Thinking Bhagavad Gita Quotes In Hindi
“मनुष्य जैसा आहार ग्रहण करेगा, उसके विचार भी वैसे ही होंगे।”
“यदि परिस्थितियां नियंत्रण से बाहर हैं, तो विश्वास कीजिए कुछ बेहतर आपका इंतज़ार कर रहा है।”
“प्रत्येक प्राणी के जीवन में कठिन समय आता है, यही आपके धैर्य की परीक्षा है अतः निराश न हों ।”
“सफलता हो या असफलता दोनों का सम्मान करना सीखें, क्योंकि दोनों में ही परमात्मा की इच्छानुसार होती है।”
“सफलता हो या असफलता दोनों का सम्मान करना सीखें, क्योंकि दोनों में ही परमात्मा की इच्छानुसार होती है।”

श्रीमद्भागवत गीता का संछिप्त परिचय

श्रीमद्भागवत या गीता का भारतीय धार्मिक अथवा दर्शन के इतिहास में विशिष्ट स्थान है। यह हिन्दुओं का सबसे सम्मानित और पवित्र ग्रन्थ है। आपको बता दें कि गीता महाभारत के भीष्म पर्व का अंश है। इसमें महाभारत युद्ध के दौरान हो रहे रक्तपात से विचलित और विमुख अर्जुन को भगवान कृष्ण द्वारा दिए गए उपदेशों का संग्रह है। इसकी शिक्षा में उदार समन्वय की भावना है जो हिन्दू विचारधारा की एक प्रमुख विशेषता है। इसकी सामग्री सिर्फ हिन्दू धर्म को मानने वालों के लिए ही उपयोगी नहीं है वल्कि सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए उपयोगी सामग्री है। डॉ. राधाकृष्णन के शब्दों में-

गीता का उपनिषदों के साथ घनिष्ट संबंध है। प्रत्येक अध्याय के अंत में इसे ‘गीता नाम का उपनिषद (भगवद्गीतासु उपनिषत्सु ) कहा गया है। वैष्ण्वीय तंत्रसार के एक श्लोक के अंतर्गत उपनिषद तथा गीता के संबंध को अत्यंत सुन्दर ढंग से व्यक्त किया गया है। जिसके अनुसार ‘समस्त उपनिषद गायें हैं , कृष्ण उन्हें दुहने वाले, अर्जुन बछड़ा है, बुद्धिमान लोग पीने वाले तथा अमृतरूपी गीता ही दूध है।

सर्वोपनिषदोगावो दोग्धा गोपालनन्दन । 
पार्थो वत्स: सुधीर्भोक्ता दुग्ध गोतामृत महत । ।

गीता का सार उपनिषदों से ही लिया गया है तथा इसका लक्ष्य मानवमात्र की शंकाओं को सुलझाते हुए कर्तव्य मार्ग पर चलने के लिए प्रवृत करना एवं सदाचार को प्रोत्साहन देना है।

Bhagavad Gita की शिक्षाएं

कर्मयोग– गीता की शिक्षा का केंद्रबिन्दु उसका कर्मयोग का सिद्धांत है। कर्मयोग के सिद्धांत के अनुसार मनुष्य की सामजिक कर्तव्य करने की निष्ठा ( Devotion the discharge of social obligation ) . स्वेक्षा से किया गया कोई भी कार्य फल प्राप्त करने के उद्देश्य से होता है।

ज्ञानयोग– गीता में ज्ञान को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। इसके अनुसार ज्ञान से भड़कर संसार में दूसरी पवित्र वास्तु नहीं। कर्मयोगी का आदर्श आत्म-साक्षात्कार है जो ज्ञान के बिना अधूरा है। ज्ञान की अग्नि सभी कर्मों को जला देती है। कृष्ण ने ज्ञानी को साक्षात् अपना ही रूप बताया है। बड़े से बड़ा पापी भी ज्ञान रुपी नौका के द्वारा भव-सागर को पार कर जाता है।

भक्तियोग– गीता का तीसरा मार्ग भक्तियोग है। भक्ति को ईश्वर की निष्काम सेवा बताया गया है। ज्ञानी ही निष्काम कर्मयोगी है।

“”हृदय की पीड़ा या समय की हैरानी का एकमात्र हल है कि आप अपने सवालों के जवाबों के पीछे ऐसे पड़ जाए, जैसे आप एक हठयोगी हो।”

हृदय को छू जाने वाले विचार

Bhagavad Gita Quotes in Hindi के माध्यम से आप हृदयको झकझोर ने वाले उन विचार को जान पाएंगे, जो जटिल से जटिल परिस्थिति में आपको सयम से निर्णय लेना सिखाते हैं, यह कुछ इस प्रकार हैं-

“मन को जीतने वाला‌ मनुष्य ही ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं।”
“मन को जीतने वाला‌ मनुष्य ही ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं।”
हृदय को छू जाने वाले विचार
“ईश्वर का रूप हमारी समझ से परे है, सृष्टि के कण-कण में परमात्मा बसता है।”
“सृष्टि के प्रत्येक कणएक विशेष गन धारण किये हुए है, जिसका आधार स्वयं परमपिता परमेश्वर होते हैं।”
हृदय को छू जाने वाले विचार

हम उम्मीद करते हैं कि आपको Bhagavad Gita के ये विचार आपको जीवन के वास्तविक ज्ञान और भक्ति का ज्ञान देंगे, साथ ही आपकी शंकाओं का भी निवारण मिलेगा। आपको अगर इतिहास से संबंधित जानकारी अच्छी लगता है तो आप  https://historyclasses.in/ के साथ बनें रहें।

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