मध्यकालीन भारत - 𝓗𝓲𝓼𝓽𝓸𝓻𝔂 𝓘𝓷 𝓗𝓲𝓷𝓭𝓲

अकबर के सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक सुधार | Akbar’s Social, Religious and Political Reforms

अकबर मुग़ल वंश का तीसरा सम्राट था जिसने 1553 से 1605 तक शासन किया। अकबर को मुग़ल सम्राटों में सबसे महान माना जाता है। अकबर ने भारत में अनेक सामाजिक सुधारों को अंजाम दिया। उसने हिन्दू मुस्लिम एकता और धार्मिक सौहार्द स्थापित करने का सफल प्रयास किया। अकबर ने ऐसे अनेक सुधार किये जिनका सीधा … Read more

दिल्ली सल्तनत की प्रशासनिक व्यवस्था-केंद्रीय, प्रांतीय, सैन्य, न्याय, भूमि कर व्यवस्था | The Administrative System of Delhi Sultanate in Hindi

दिल्ली सल्तनत की प्रशासनिक व्यवस्था-केंद्रीय, प्रांतीय, सैन्य, न्याय, भूमि कर व्यवस्था | The Administrative System of Delhi Sultanate in Hindi

Delhi Sultanate सल्तनत, दिल्ली सल्तनत की स्थापना 1206 ईस्वी में कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा स्थापित दास वंश से शुरू होती है और इसका अंत 1526 लोदी वंश के पतन से होता है। जब हम दिल्ली सल्तनत के शासकों कीशासन व्यवस्था को देखते हैं तो ऐसे तमाम अधिकारी थे जो अलग-अलग पदों पर कार्य करते हुए अपनी … Read more

Mughal Revenue System in Hindi | मुग़लकालीन राजस्व व्यवस्था का ऐतिहासिक मूल्यांकन

Mughal Revenue System in Hindi | मुग़लकालीन राजस्व व्यवस्था का ऐतिहासिक मूल्यांकन

Mughal Revenue System-भारत में मुग़ल वंश की स्थापना 1526 ईस्वी में बाबर द्वारा की गई था। यद्यपि बाबर एक कुशल योद्धा और शासक था लेकिन वह ज्यादा समय तक शान नहीं कर सका। हुमायूँ का शासन अनिश्चिताओं से घिरा रहा और वह एक कुशल प्रशासनिक व्यवस्था स्थापित करने में सफल रहा। मुग़ल प्रशासनिक व्यवस्था का … Read more

बलबन का राजत्व सिद्धांत- बलबन का जीवन परिचय, उपलब्धियां, राजतत्व का सिद्धांत, लौह एवं रक्त की नीति

बलबन का राजत्व सिद्धांत

बलबन का प्रारम्भिक जीवन बलबन दास वंश के सुल्तानों में सबसे अधिक शक्तिशाली माना जाता है। बलबन का जन्म 1216 ईस्वी में तुर्किस्तान में हुआ था। उसका वास्तविक नाम बहाउद्दीन था। वह इल्बारी तुर्क जाति से संबंधित था। उसे बचपन में ही मंगोलो ने पकड़ लिया था। बलबन को मंगोलो ने गजनी में ख्वाजा जमालुद्दीन … Read more

Muhammad Bin Tughlaq in Hindi | मुहम्मद बिन तुग़लक़- इतिहास, योजनाएं, उपलब्धियां, असफलताएं, चरित्र और मृत्यु

Muhammad Bin Tughlaq

सल्तनतकालीन भारतीय इतिहास का सबसे शिक्षित मगर सबसे अभागा सुल्तान था Muhammad Bin Tughlaq-मुहम्मद तुग़लक़ । उसके पिता का नाम गयासुद्दीन तुग़लक़ उर्फ़ गाज़ी मालिक था। गयासुद्दीन की मृत्यु 1325 ईस्वी होने के बाद उसके उत्तराधिकारी के रूप में उसके पुत्र राजकुमार जूना खां को सिंहासन पर बैठाया गया। यही जूना खां मुहम्मद तुग़लक़ की … Read more

Sen Vansh Kaa Itihas | बंगाल के सेन राजवंश का इतिहास और उपलब्धियां

Sen Vansh Kaa Itihas

भारतीय इतिहास में बंगाल का अत्यंत महत्व रहा है मध्यकाल में बंगाल में पाल वंश के पतन के बाद Sen Vansh-सेन वंश के हाथ में बंगाल की शासन सत्ता आई। सेन शासक शक्तिशाली थे और उन्होंने अपने साम्राज्य का विस्तार किया। सेन वंश इतिहास कई उपलब्धियों के लिए जाना जाता है। सेन शासक साहित्य तथा … Read more

History of Maratha in Hindi | मराठा इतिहास हिंदी में

ऐतिहासिक रूप से मराठों को सामान्यत: ‘महरट्टा’ या ‘महरट्टी’ के रूप में जाना जाता है, जिन्हें इतिहास में उनकी बहादुरी के लिए पहचाना जाता है। मराठे विशेष रूप से क्षेत्रीय रक्षक और हिन्दू धर्म के उद्धारक के रूप में पहचाने जाते हैं, और इनका गृहक्षेत्र महाराष्ट्र राज्य के आधुनिक मराठी-भाषी क्षेत्र से संबंधित है।

मुग़लकालीन जागीरदारी प्रथा का मूल्यांकन | Jagirdari System in Hindi

मुग़ल काल में प्रशासनिक व्यवस्था में मनसबदारी व्यवस्था का महत्व और उपयोगिता को जिस व्यवस्था पर टिकाया गया उसका आधार जागीरदारी व्यवस्था थी। इस व्यवस्था ने जागीरदारों को आमदनी के स्रोत प्रदान किया। ये जागीरदार बड़े-बड़े महलों में रहते थे और शानदार जीवन शैली में रहते थे। आइये जानते हैं कि जागीरदारी व्यवस्था क्या थी? … Read more

अकबर का राष्ट्रीय सम्राट के रूप में मूल्यांकन (Akbar’s Assessment as a National Emperor)

अकबर दुनिया के महानतम बादशाहों में से एक है। उनकी दूरदर्शिता और बुद्धिमत्तापूर्ण नीतियों की सर्वत्र इतिहासकारों द्वारा प्रशंसा की जाती है। अकबर के मुगल सिंहासन पर बैठने के समय, उसके राज्य में विभिन्न धर्मों, जातियों और संप्रदायों के लोग रहते थे और उनमें कोई एकता नहीं थी, इसलिए उसके प्रवेश ने भारत में एक … Read more

सैयद बंधु और उत्तरवर्ती मुगल सम्राट (Sayyid Brothers and Later Mughal Emperors)

सैयद बंधु ‘सैयद बंधु’ से आशय अब्दुल्ला खाँ और सैयद हुसैनअली खाँ बारहा नामक दो भाइयों से है, जो 18वीं शताब्दी के आरंभ में मुगल साम्राज्य में शक्तिशाली अमीर थे। बादशाह औरंगजेब की मृत्यु (1707 ई.) के बाद फैली अराजकता के दौरान ‘सैयद बंधु’ मुगल दरबार में सबसे प्रभावशाली हो गये और अपनी शक्ति तथा … Read more

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