भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों में भगत सिंह का स्थान सर्वोपरि है। शहीद भगत सिंह हमारे देश के महानतम व्यक्तित्वों में से एक हैं, ऐसे वीर, साहसी, निडर क्रांतिकारी जिन्होंने मात्र 23 वर्ष की आयु में देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। हम आज का लेख भगत सिंह को समर्पित कर रहे हैं। इस लेख में हम भगत सिंह की जीवनी, पुण्यतिथि और स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान के बारे में चर्चा करेंगे। लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
Bhagat Singh Biography in Hindi
निस्संदेह देश की स्वतंत्रता की बागडोर कांग्रेस के हाथों में थी और उसके प्रारम्भिक प्रयास तत्कालीन परिस्थितियों के अनुकूल थे। लेकिन लगातार ढुलमुल रवैये ने देश में एक युवा समूह को जन्म दिया जो राजनीतिक हिंसा में विश्वास करता था और अपनी भाषा में ब्रिटिश शासन का जवाब देने के लिए उत्सुक था। ऐसे ही प्रखर क्रांतिकारियों में भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, चापेकर बंधु, सूर्यसेन, रामप्रसाद विशमिल और असंख्य युवा स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े।
उत्तर भारत में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भगत सिंह सभी युवाओं के लिए यूथ आइकॉन थे, जिन्होंने उन्हें देश के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया। भगत सिंह एक सिख परिवार में पैदा हुए एक निडर युवा थे। बहुत कम उम्र में ही उन्होंने आजादी के लिए लड़ाई शुरू कर दी थी। उन्होंने क्रांतिकारी युवाओं का मार्गदर्शन किया और स्वतंत्रता संग्राम में एक ऐसे युवा वर्ग का निर्माण किया जो मौत से नहीं डरता था।
भगत सिंह का पूरा जीवन संघर्ष और आजादी की कहानियों से भरा है, आज के युवा भी उनके जीवन और आजादी के संघर्ष से प्रेरणा लेते हैं। उनका जीवन राष्ट्रवाद का एक पूरा अध्याय है।
भगत सिंह का जीवन परिचय (Bhagat Singh Biography in Hindi)
नाम | भगत सिंह |
पूरा नाम | सरदार भगत सिंह, शहीद भगत सिंह |
जन्म | 27 सितंबर 1907 |
जन्म स्थान | जारनवाला तहसील, पंजाब (वर्तमान पाकिस्तान) |
पिता का नाम | सरदार किशन सिंह |
माता का नाम | विद्यावती कौर |
भाई | रणवीर, कुलतार, राजिंदर, कुलबीर, जगत |
बहन | प्रकाश कौर, अमर कौर, शकुंतला कौर |
पुस्तक | मैं नास्तिक क्यों हूँ |
योगदान | स्वतंत्रता आंदोलन में क्रांतिकारी गतिविधियों का |
शहीद | 23 मार्च 1931, लाहौर |
भगत सिंह का जन्म, परिवार और प्रारंभिक जीवन। Birth, Family & Early life of Bhagat Singh
भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को जारवाला तहसील पंजाब (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। 23 मार्च 1931 को उन्हें अंग्रेजों ने फांसी दे दी और वे शहीद हो गए। वह भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी थे। चंद्रशेखर आज़ाद और पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर, उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए शक्तिशाली और निरंकुश ब्रिटिश सरकार के लिए क्रांतिकारी गतिविधियाँ लड़ीं।