Pankaj Udhas-पंकज उधास का परिचय
नाम फिल्म का वो गाना शायद ही कोई भूला हो ‘चिट्ठी आई है चिट्ठी आई है’ जी हाँ दोस्तों यह गाना मशहूर ग़ज़ल गायक Pankaj Udhas-पंकज उधास ने गाया था और यह आज तक मशहूर है। दुखद खबर यह है कि ग़ज़ल गायक पंकज उधास का 26 फरवरी 2024 को निधन हो गया। वे 72 वर्ष के थे। उनका पूरा नाम पंकज उधास चारण था। उनका जन्म 15 मई 1951 को हुआ था। उन्होंने ग़ज़ल गायकी को एक नया मुकाम दिया और तलत अजीज, स्वर्गीय जगजीत सिंह की गायकी की शैली को आगे बढ़ाया।
पंकज को उनकी गायकी के लिए भारत सरकार ने 2006 में पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया था। उनके दो अन्य भाई भी भी प्रसिद्ध गायक रहे हैं मनहर दास और निर्मल दास। आईये इस लेख में पंकज उदास की ज़िंदगी से जुड़े विभिन्न पहलुओं जैसे- प्रारम्भिक जीवन, शिक्षा, करियर, परिवार, संतान, उनकी कुल संपत्ति और अन्य रोचक किस्सों के बारे में जानेंगे। इस तरह ये हमारी तरफ से पंकज उधास जी को एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि होगी।
नाम | पंकज उधास |
जन्म | 17 मई 1951 |
जन्मस्थान | गुजरात के राजकोट के निकट जैतपुर गांव, भारत |
मृत्यु | 26 फरवरी 2024 |
मृत्यु का स्थान | ब्रीच कैंडी अस्पताल, मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
मृत्यु का कारण | कैंसर |
आयु | 72 |
पिता- माता | केशूभाई उधास, जीतुबेन उधास |
भाई | मनहर दास, निर्मल उधास |
पत्नी | फरीदा उधास |
संतान | रेवा और नायाब |
पेशा | ग़ज़ल गायक |
नागरिकता | भारतीय |
पुरस्कार | पद्मश्री सहित अन्य पुरस्कार |
Pankaj Udhas-पंकज उदास का प्रारम्भिक जीवन
पंकज उधास का जन्म 15 मई 1951 को गुजरात के राजकोट के निकट जैतपुर गांव में एक सम्पन्न जमींदार परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम केशूभाई उधास और माता का नाम जीतुबेन उधास था। पंकज अपने पिता की तीन पुत्रों में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई का नाम मनहर दास है जिहोने हिंदी फिल्मों में शानदार गाने गाये हैं। उनके दूसरे भाई का नाम निर्मल उधास है और वे भी प्रसिद्ध गजल गायक हैं।
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पंकज उधास की शिक्षा और बचपन
पंकज ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा बीपीटीआई भावनगर से प्राप्त की। इसके बाद पंकज का परिवार मुंबई में आ गया। मुंबई के सेंट जेवियर्स कालेज से पंकज ने आगे की पढाई की।
दादा थे गांव के पहले स्नातक
पंकज के दादा गांव के पहले स्नातक थे और भावनगर राज्य के दिवान/राजस्व मंत्री के रूप में कार्य करते थे। उनके पिता केशूभाई उधास सरकारी कर्मचारी थे मगर उन्हें संगीत से प्रेम था और उन्होंने प्रसिद्ध वीणा वादक अब्दुल करीम खान से दिलरुबा वादन की विद्या सीखी।
संगीत की प्राम्भिक रूचि
पंकज ने पिता को दिलरुबा बजाते देखा और उनमें भी संगीत के प्रति रूचि जागने लगी। अपने भाइयों को भी उन्होंने संगीत की तरफ जाते देखा तो पंकज ने भी संगीत में करियर बनाने की सोची। पिता ने पंकज को राजकोट की संगीत अकादमी में दाखिला दिला दिया। शुरुआत में पंकज ने तबला वादन में रूचि दिखाई लेकिन बाद में गुलाम कदीर खान साहब से उन्होंने हिंदुस्तानी मुखर शास्त्रीय संगीत सीखना प्रारम्भ किया। यहाँ से निकलकर पंकज मुंबई पहुंचे हुए ग्वालियर घराने के गायक नवरंग नागपुरकर के सानिध्य में गायकी का प्रशिक्षण लिया।
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पंकज उधास का प्रारम्भिक करियर
पंकज पर अपने बड़े भाई मनहर दास का बहुत प्रभाव पड़ा क्योंकि मनहर दास एक गायक और रंगमच के अभिनेता थे। इसी कारण पंकज भी संगीत के निकट आ गये। पंकज ने अपनी पहली प्रस्तुति भारत-चीन युद्ध पर आधारित नाटक में “ए मेरे वतन के लोगों” गाना गाय। उनकी गायकी से खुश होकर एक दर्शक ने युवा पंकज को 51 रूपये का इनाम भी दिया।
इसके बाद पंकज ने राजकोट संगीत नाट्य अकादमी में प्रवेश लिया और तबला बजने का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद पंकज ने सेंट जेवियर्स कालेज से विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और अपना काम करने के साथ-साथ गायकी का अभ्यास भी करते रहे।
पहली बार पंकज उधास ने फिल्म कामना 1972 में अपनी आवाज दी, मगर फिल्म ने कोई खास सफलता प्राप्त नहीं की।
पंकज का ग़ज़ल गायकी में करियर
पंकज ने अपना सारा ध्यान ग़ज़ल गायकी की में लगा दिया। ग़ज़ल गायकी में सफल होने के लिए पंकज ने उर्दू का प्रशिक्षण लिया। मगर पंकज को कोई खास सफलता नहीं मिली और वे कनाडा चले गए और बाद में अमेरिका चले गए। वहां वे छोटे-मोटे कार्यक्रमों में दर्शकों के लिए गाते थे। बाद में पंकज भारत लौट आये।
पंकज की पहली सफलता
पंकज ने तमाम प्रयास के बाद अंततः 1980 में सफलता का स्वाद चखा जब उनकी ग़ज़ल एल्बम ‘आहट’ हिट हुई। 2009 तक पंकज की 40 एल्बम रिलीज़ हुई।
1986 में आई संजय दत्त और कुमार गौरव की फिल्म ‘नाम’ में गाये गाने ‘चिट्ठी आई है; की लोकप्रियता ने पंकज को जबर्दस्त पहचान दी। उन्होंने बहुत सी फिल्मो जैसे साजन, ये दिल्लगी और फिर तेरी कहाँ याद आई प्रमुख हैं।
बड़े परदे के आलावा पंकज ने टेलीविज़न के लिए भी काम किया और सोनी टेलीविजन पर ‘आदाब अर्ज है’ नाम से एक टैलेंट हंट कार्यक्रम भी शुरू किया। मशहूर अभिनेता जॉन अब्राहम ने पंकज उदास को अपना मेंटर माना है।
पंकज उधास का व्यक्तिगत जीवन – पत्नी और बच्चे
ग़ज़ल गायकी में अपना अलग मुकाम रखने वाले पंकज उधास का एक खुशहाल परिवार है। उनकी पत्नी का नाम फरीदा उधास है इसके आलावा इस दंपत्ति की दो बेटियां रेवा और नायाब हैं। 72 वर्षीय पंकज पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। दरअसल पंकज उधास कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे। उनकी बेटी ने अपने पिता के निधन की दुखद खबर सुनाई।
पंकज उधास की मृत्यु और प्रधानमंत्री मोदी की श्रद्धांजलि
जैसा कि हम जान चुके हैं पंकज उधास का निधन २६ फरवरी, २०२४ के सुबह लगभग ११ कैंसर की बीमारी से जूझते हुए हो गया। उनकी बड़ी बेटी रेवा ने इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से यह दुखद समाचार साझा किया, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके पिता कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। मुंबई स्थित ब्रीच कैंडी अस्पताल में पंकज ने अंतिम साँस ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी शोक-संवेदना व्यक्त करते हुए प्रसिद्ध संगीतकार को श्रद्धांजलि अर्पित की।
पंकज उधास की प्रेम कहानी
पंकज की प्रेम कहानी किसी फ़िल्मी कहानी से काम नहीं है। पंकज ने पहली बार फरीदा को अपने पड़ौसी के घर में देखा तो पहली नज़र में ही अपना दिल दे बैठे। फरीदा उस वक़्त एयर होस्टेस थी और पंकज ग्रेजुएशन की पढाई कर रहे थे। धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती हुई और मिलने-जुलने का सिलसिला शुरू हो गया। अंततः नज़रों से शुरू हुई ये प्रेम कहानी शादी के बंधन में बदल गई। दोनों परिवारों की सहमति से 11 फरवरी 1982 को दोनों विवाह के पवित्र बंधन में बंध गए।
पत्नी से पैसे उधर लेकर किया था पहला एल्बम रिलीज़
पंकज उदास ने एक बार बताया था कि ‘वे जब अपने पहले एल्बम को रिलीज़ करने की तैयारी कर रहे थे उस समय उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे। तब फरीदा नौकरी करती थी और फरीदा ने उन्हें पैसे उधार दिए। दोनों ने एक दूसरे से एक वादा किया था कि हम चाहे किसी मुद्दे पर लड़ लें लेकिन धर्म के मुद्दे पर कभी कोई बहस या लड़ाई नहीं करेंगे।
पंकज उदास की नेट वर्थ–Pankaj Udhas’s Net Worth
अपनी ग़ज़ल गायकी से करोड़ों लोगों के दिलों पर राज करने वाले पंकज उधास करोड़ों की संपत्ति की मालिक थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पंकज लगभग 25 करोड़ की संपत्ति के मालिक थे। उनकी कमाई का स्रोत फिल्मे, लाइव परफॉरमेंस और यूट्यूब थे। पंकज परिवार के साथ एक लग्जरी लाइफ जीते थे। मुंबई के पेडर रोड पर पंकज का आलीशान बंगला है। उनके बंगले का नाम हिलसाइड है। इसके आलावा पंकज को कारों का भी शौक था और उनके पास ऑडी, मर्सिडीज जैसी महंगी कारें हैं।
पंकज उधास के जीवन से जुड़े तथ्य और रोचक किस्से
- पंकज को पहले गाने के लिए 51 रूपये का इनाम मिला था।
- उन्होंने मुस्लिम लड़की से शादी की।
- मृत्यु के समय वे 72 वर्ष के थे। 26 फरवरी 2024 .
- उनकी मृत्यु कैंसर के कारण हुई।
- उन्होंने अपना पहला गाना ‘ए मेरे वतन के लोगों’ रंगमंच पर गाय था।
- पंकज ने फरीदा से शादी 11 फरवरी 1982 को की।
- 2006 में पंकज को भारत सरकार ने पद्मश्री सम्मान से नवाजा। यह सम्मान उन्हें राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने दिया।
- पंकज उधास के बड़े भाई मनहर उदास एक प्रसिद्द गायक हैं।
- २४ अप्रैल 2023 को लता दीनानाथ मंगेशकर सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान लता मंगेशकर के भाई ह्रदयनाथ मंगेशकर ने प्रदान किया।
- पंकज ने विज्ञानं विषय से स्नातक किया था।
- वे तबला बजाने में माहिर थे।
- 1972 में आई कामना फिल्म में पहली बार फिल्म में गाना गाया।
- कैसेट के ज़माने में पंकज ने अपनी ग़ज़लों की पहली सीडी एल्बम लांच की।
- हर शो से पहले पंकज हनुमान चालीसा का जाप करते थे।
Awards and Honors | पुरस्कार और सम्मान
Year | Award (पुरस्कार) |
---|---|
2006 | पद्मश्री पुरस्कार, “कलाकार” अवार्ड |
2005 | कोलकाता के “कलाकार” अवार्ड |
2004 | विशेष सम्मान, लंदन |
2003 | एमटीवी इम्मीज एवार्ड, न्यूयॉर्क |
2003 | स्पेशल अचीवमेंट एवार्ड, बॉलीवुड म्यूज़िक |
2003 | दादाभाई नौरोजी मिलेनियम एवार्ड |
2002 | संगीत क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए सम्मान |
2002 | इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स |
2001 | वोकेशनल रिकग्नीशन अवार्ड, मुंबई |
1999 | भारतीय विद्या भवन, अमेरिका पुरस्कार |
1998 | इंडियन आर्ट्स एवार्ड्स, जर्सी सिटी |
1998 | आउटस्टैंडिंग आर्टिस्ट्स अचीवमेंट एवार्ड, अमेरिका |
1996 | इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी अवार्ड |
1994 | मानद नागरिकता, ल्यूबोक, टेक्सास |
1994 | रेडियो लोटस अवार्ड, डर्बन यूनिवर्सिटी |
1993 | जायंट्स इंटरनेशनल अवार्ड |
1990 | आउटस्टैंडिंग यंग पर्सन्स अवार्ड |
1985 | के एल सहगल अवार्ड |
Albums of Pankaj Udhas | पंकज उधास के एल्बम
आल्बम | साल |
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आहट | 1980 |
मुक़र्रर | – |
तरन्नुम | – |
नबील | – |
नायाब | – |
शगुफ्ता | – |
अमन | – |
महफ़िल | – |
राजुअत (गुजराती) | – |
बैसाखी (पंजाबी) | – |
गीतनुमा | – |
याद | – |
स्टॉलेन मूवमेंट्स | – |
कभी आँसू कभी खुशबू कभी नाघुमा | – |
हमनशीं | – |
आफरीन | – |
वो लड़की याद आती है | – |
रुबाई | – |
महक | – |
घूंघट | – |
मुस्कान | – |
इन सर्च ऑफ मीर | 2003 |
हसरत | – |
भालोबाशा (बंगाली) | – |
एंडलेस लव | – |
यारा – उस्ताद अमजद अली खान का संगीत | – |
शब्द – वैभव सक्सेना और गुंजन झा का संगीत | – |
शायर | 2010 |
लोग यह भी पूछ रहे हैं
Q- पंकज उधास की मृत्यु क्यों हुई?
Ans- पंकज उधास काफी समय से कैंसर से पीड़ित थी जिसके कारण 26 फरवरी 2024 को उनकी मृत्यु हो गयी।
Q- पंकज उधास क्या पीड़ित थे?
Ans- हाँ पंकज उधास कैंसर से पीड़ित थे।
Q- पंकज उधास के कितने भाई हैं?
Ans- पंकज उधास के दो बड़े भाई मनहर दास और निर्मल उधास हैं।
Q-पंकज उधास का क्या होता है?
Ans-पंकज उधास एक मशहूर ग़ज़ल गायक थे जिनका 11 फरवरी 2024 को निधन हो गया। उधास उनका सरनेम है। क्योंकि उनके पिता का नाम केशूभाई उधास था।