भारत की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का जीवन परिचय-2022–शपथ ग्रहण समारोह (25/07/2022) प्रातः 10:15 बजे संसद के केंद्रीय सभागार में हुआ. CJI एन. वी. रमणा ने श्रीमती मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई. इस अवसर पर नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को परम्परानुसार 21 तोपों की सलामी दी गई।
भारत की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, भारत संसदीय इतिहास में दूसरी महिला और प्रथम आदिवासी राष्ट्रपति हैं। उनसे पहले प्रतिभा देवी पाटिल प्रथम महिला राष्ट्रपति चुनी गई थीं। लोग द्रौपदी मुर्मू के विषय में जानना चाहते हैं। तो आइये जानते हैं भारत की नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जीवन परिचय।
द्रोपदी मुर्मू का जीवन परिचय
द्रौपदी मुर्मू | |
पिता का नाम | बिरांची नारायण टुडू |
पेशा | राजनीतिज्ञ |
राजनितिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पति का नाम | Shyam Charan Murmu |
जन्म | 20 जून 1958 |
आयु | 64 वर्ष (2022) |
जन्म स्थान | मयूरभंज, उड़ीसा, भारत |
वजन | 74 किलो |
लंबाई | 5 फिट 4 इंच |
जाति | अनुसूचित जनजाति (आदिवासी समुदाय) |
धर्म | हिंदू धर्म |
बेटी का नाम | इतिश्री मुर्मू |
संपत्ति | 10 लाख |
भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश | वर्ष 1997 में |
भारत की राष्ट्रपति | -25/07/2022 |
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का प्रारम्भिक जीवन
Draupadi Murmu Biography द्रौपदी मुर्मू,– भारतीय जनता पार्टी तथा एनडीए समर्थित राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू ने अपने प्रतिद्व्न्दी कांग्रेस समर्थित विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराकर, भारत के अगले राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता।
श्रीमती मुर्मू ने 25/07/2022 को राष्ट्रपति पद की शपथ ली और भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति होने का गौरव हासिल किया। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का जन्म 1958 में उड़ीसा राज्य के “मयूरभंज” इलाके में 20 जून 1958 में हुआ था | द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखती हैं।
उनसे पहले भी भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोबिंद दलित समुदाय से आते थे। उनका पांच वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के बाद श्रीमती मुर्मू ने कार्यभार ग्रहण किया। यही कारण है कि देश और विदेश के लोग द्रोपदी मुर्मू के बारे में जानने को लेकर उत्सुक हैं | श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का पूरा जीवन परिचय इस लेख के माध्यम से पाठकों तक पहुँचाया गया है |
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राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू की प्रारंभिक शिक्षा
Draupadi Murmu Biography – मुर्मू का जन्म उड़ीसा के अत्यंत पिछड़े इलाके और एक आदिवासी परिवार में होने के बावजूद भी इन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा इलाके के एक प्राथमिक विद्यालय में ही पूरी की है | उन्होंने स्नातक की पढ़ाई भुवनेश्वर शहर के कॉलेज से पूरी की है | उन्होंने अपनी स्तर की शिक्षा भुनेश्वर के ‘रामा देवी महिला कॉलेज’ से पूरी की |
उन्होंने स्नातक की शिक्षा पूर्ण होने के पश्चात्, उड़ीसा सरकार में ही बिजली विभाग में कनिष्ठ सहायक के तौर पर नौकरी प्राप्त हुई| विद्युत् विभाग में इन्होंने 1979 से लेकर वर्ष 1983 तक नौकरी की | उसके पश्चात् रायरंगपुर में स्थित अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर में बतौर शिक्षिका काम किया है |
द्रोपदी मुर्मू का परिवारिक और बच्चे
Draupadi Murmu Biography 2022 – राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के पिता का नाम बीरांची नारायण टूडू है जो संथाल आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। श्रीमती मुर्मू झारखंड राज्य गठन के पश्चात् लगातार पांच वर्ष झारखंड राज्य की प्रथम महिला राज्यपाल रही हैं। उनके पति का नाम श्याम चरण मुर्मू है। उनकी एक पुत्री है और उसका नाम इतिश्री मुर्मू है |
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पति और बेटों की मृत्यु के बाद, घर को एक स्कूल में बदल दिया था।
मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में जन्मी द्रौपदी मुर्मू के पिता एक आदिवासी समुदाय संथाल से ताल्लुक रखते हैं जिनका नाम बिरंची नारायण टुडू है। इस प्रकार श्रीमती मुर्मू एक आदिवासी संथाल परिवार से संबंधित हैं। श्रीमती मुर्मू ने अपने प्रारम्भिक शिक्षा कुसुमी तहसील के एक छोटे से गांव उपरबेड़ा के एक छोटे से स्कूल से पूरी की। रामादेवी महिला महाविद्यालय, भुवनेश्वर से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की।
द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू से हुआ था। दंपति के दो बेटे और एक बेटी थी, लेकिन शादी के तुरंत बाद, उन्होंने अपने पति और अपने दोनों बेटों को खो दिया। द्रौपदी मुर्मू के पति और दो बेटों की मृत्यु के बाद, उन्होंने अपने घर को एक बोर्डिंग स्कूल में बदल दिया। जहां आज भी स्कूल चलता है।
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द्रोपदी मुर्मू का राजनीतिक सफर
- द्रोपदी मुर्मू ने साल 1997 में राइरंगपुर नगर पंचायत से प्रथम बार निगम पार्षद का चुनाव जीत कर अपने राजनीतिक सफर का श्रीगणेश किया |
- उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के नगर उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला तथा भाजपा के आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य के रूप में भी कार्य किया |
- द्रोपदी मुर्मू उड़ीसा के मयूरभंज जिले की रायरंगपुर सीट से 2 बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट से विधायक भी चुनी गईं |
- इसके अतिरिक्त ओडिशा की मौजूदा नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल तथा भाजपा गठबंधन की सरकार में द्रोपदी मुर्मू को सन 2000 और सन 2004 के बीच वाणिज्य, परिवहन और बाद में मत्स्य और पशु संसाधन विभाग मंत्री का पदभार दिया गया |
- Draupadi Murmu को मई 2015 में झारखंड की नौवीं राज्यपाल नियुक्त हुई उन्हें झारखंड उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने राज्यपाल पद की शपथ दिलाई थी |
- झारखंड राज्य की प्रथम महिला राज्यपाल बनने का गौरव श्रीमती मुर्मू के नाम है |
- वह भारत के संसदीय इतिहास की दूसरी महिला राष्ट्रपति चुनी गईं हैं जो आदिवासी समुदाय से आने वाली प्रथम महिला राष्ट्रपति हैं |
Draupadi Murmu Biography
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को मिले पुरस्कार और सम्मान
Draupadi Murmu Biography :- द्रोपदी मुर्मू को साल 2007 में नीलकंठ पुरस्कार प्राप्त हुआ (सर्वश्रेष्ठ विधायक )के लिए यह पुरस्कार उड़ीसा विधानसभा के द्वारा प्रदान किया गया था |
अंतिम शब्द
इस प्रकार भारत का संविधान ने एक बार फिर सिद्ध किया कि वह दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान क्यों हैं। यह संविधान ही है जिसने एक गरीब चाय बेचने वाले के पुत्र को मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक पहुंचा दिया। श्रीमती मुर्मू जो एक अत्यंत पिछड़े जनजातीय समाज से आती हैं आज इस देश के शीर्ष पद पर पहुँच गईं। भले ही विश्व के अनेक देश हमसे आगे निकल गए हों लेकिन लोकतान्त्रिक व्यवस्था में आज भी हमसे पीछे हैं।