वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट 1878: इतिहास, प्रभाव और विवाद
वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट 1878 में भारत में ब्रिटिश सरकार द्वारा पारित किया गया था ताकि भारतीय भाषाओं के समाचार पत्रों और पत्रिकाओं पर अधिक कड़ा नियंत्रण रखा जा सके। उस समय लॉर्ड लिटन भारत के वायसराय थे। इस अधिनियम में ऐसी सामग्री को पत्रिकाओं में छापने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान था, जिससे ब्रिटिश शासन … Read more