लोकतंत्र में राजनितिक दलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सामान्य रूप से राजनितिक दल ऐसा संगठन होता है जो वैधानिक तरीके से शासन-सत्ता प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। राजनीतिक दल एक संगठन होता है जो राजनीति में सक्रिय होता है। राजनीतिक दल विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करते हुए लोगों की राय को जोड़ता है और सत्ता हासिल करने के लिए चुनाव लड़ते हैं। राजनीतिक दलों के विचार विस्तारपूर्वक होते हैं और उन्हें विभिन्न मामलों में अलग-अलग रूपों में प्रस्तुत किया जाता है।
राजनीतिक दल
दुनिया भर में कई प्रकार के राजनीतिक दल हैं, जैसे कि राष्ट्रवादी दल, समाजवादी दल, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, बीजेपी, डेमोक्रैट और रिपब्लिकन पार्टी आदि। ये दल अपने-अपने विचारधारा और आदर्शों के आधार पर चुनाव लड़ते हैं और लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश करते हैं।
राजनीतिक दल का अर्थ
राजनीतिक दल लोगों का एक ऐसा समूह होता है जिसका उद्देश्य चुनाव लड़ना और सरकार में राजनीतिक सत्ता प्राप्त करने के उद्देश्य से काम करता है। समाज के सामुहिक हित को दृष्टिगत रखते हुए यह समूह कुछ नीतियां और उससे संबंधित कार्यक्रम तय करते हैं। यद्यपि सामूहिक हित एक विवादास्पद विचार है, क्योंकि समाज में विभिन्न लोगों के हित और विचारधारा अलग-अलग होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक दल अधिकतम समर्थन प्राप्त करने के लिए अपनी नीतियों को सर्वश्रेष्ठ घोषित करके सत्ता प्राप्त करना चाहते हैं।
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि राजनीतिक दल समाज के आधारभूत राजनीतिक विभाजन को भी दर्शाते हैं। अगर हम यह माने कि राजनीतिक दल निष्पक्ष होते हैं तो यह गलत होगा, क्योंकि राजनीतिक दल समाज के किसी एक हिस्से से सम्बंधित होता है । अतः उस दल की नीतियां और दृष्टिकोण समाज के उस वर्ग / समुदाय विशेष की तरफ झुका रहता है। किसी राजनीतिक दल की पहचान उसका चिन्ह, नेता, समर्थक से होती है।
इस प्रकार राजनीतिक विचारों और उद्देश्यों की पूर्ति के लिए जब कुछ लोग संगठित समूह का निर्माण करते हैं, तो ऐसा समूह या संघ राजनीतिक दल कहलाता है। इसे हम इस प्रकार भी परिभाषित कर सकते हैं “राजनीतिक दल लोगों का एक ऐसा संगठन होता है जो अपनी नीतियों, विचारों व सिद्धान्तों को कार्यान्वित करने के लिए देश की शासन सत्ता पर अपना अधिकार स्थापित करने का प्रयास करता है।”
राजनीतिक दल की परिभाषा
विभिन्न विद्वानों ने राजनीतिक दल की अलग-अलग परिभाषा दी हैं जो इस प्रकार हैं—-
एडमंड बर्क के अनुसार- “राजनीतिक दल ऐसे व्यक्तियों का एक संगठित समूह होता है जो किसी सिद्धांत/विचार पर सामुहिक रूप से एकमत होकर सामुहिक प्रयत्नों के माध्यम से जनता और देशहित में काम् करना चाहते हैं।”
ब्राइस के अनुसार-“राजनीतिक दल अनिवार्य होता है।कोई भी स्वतंत्र जनतांत्रिक राष्ट्र उनके बिना नहीं चल सकता है।किसी व्यक्ति ने यह नहीं दिखाया है कि लोकतंत्र इसके बिना किस प्रकार सफल होगा।”
गिलक्राइस्ट के अनुसार-“राजनीतिक दल नागरिकों का एक संगठित समूह है, जिनके एकसमान हित और राजनीतिक विचारधारा से जुड़े होते हैं और एक राजनीतिक इकाई के रूप में कार्य करते हुए सरकार पर अधिकार करने का प्रयास करते हैं।”
प्रो. लास्की के अनुसार-“राजनीतिक दल से हमारा अभिप्राय नागरिकों के उस संगठित समूह से है जो एक राजनीतिक संगठन के रूप में कार्य करते हैं।”
लोकतंत्र में राजनीतिक दलों का महत्व
राजनीतिक दल लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे प्रमुख संस्थाएँ हैं जिनके माध्यम से नागरिक राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेते हैं। लोकतंत्र में राजनीतिक दलों के महत्वपूर्ण होने के कुछ तरीके यहां दिए गए हैं:
प्रतिनिधित्व: राजनीतिक दल नागरिकों को अपने राजनीतिक विचारों और हितों को व्यक्त करने का एक साधन प्रदान करते हैं। पार्टियां समाज के विभिन्न वर्गों का प्रतिनिधित्व करती हैं और मतदाताओं को उनके मूल्यों और विश्वासों को साझा करने वाले उम्मीदवारों की पसंद पेश करती हैं।
जवाबदेही: राजनीतिक दल सत्तारूढ़ सरकार की शक्ति पर एक जाँच के रूप में कार्य करते हैं। वे नागरिकों को अपनी नीतियों और कार्यों के लिए सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए एक तंत्र प्रदान करते हैं।
चुनावी प्रतियोगिता: राजनीतिक दल चुनावों में प्रतिस्पर्धा करते हैं, जो एक सरकार से दूसरी सरकार को सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण की अनुमति देता है। यह सुनिश्चित करता है कि लोकतंत्र बरकरार रहे और लोगों की इच्छा सरकार की नीतियों में परिलक्षित हो।
नीति निर्माण: राजनीतिक दल अपने घटकों की जरूरतों और आकांक्षाओं के आधार पर नीतियां बनाते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि सरकार की नीतियां लोगों की जरूरतों के प्रति उत्तरदायी हैं।
आम सहमति बनाना: महत्वपूर्ण मुद्दों पर आम सहमति बनाने के लिए राजनीतिक दल विभिन्न दृष्टिकोणों और रुचियों वाले लोगों को एक साथ लाते हैं। यह समाज में एकता और स्थिरता को बढ़ावा देने में मदद करता है।
संक्षेप में, स्वस्थ लोकतंत्र के कामकाज के लिए राजनीतिक दल आवश्यक हैं। वे लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जवाबदेही को बढ़ावा देते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि सरकार लोगों की जरूरतों के प्रति उत्तरदायी है।
राजनीतिक दलों के क्या कार्य होते हैं?
1- राजनीतिक दल चुनावों में भाग लेते हैं। अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में चुनाव प्रक्रिया में विभिन्न राजनीतिक दल भाग लेते हैं। विभिन्न देशों में चुनाव प्रक्रिया अलग-अलग तरीकों से होती है। चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करता है।
2- राजनीतिक दल अपनी नीतियों और विचारधारा को जनता के समक्ष प्रस्तुत करते हैं। मतदाता जिस राजनीतिक दल की नीतियों और सिद्धान्तों को स्वीकार करते हैं उसे अपना समर्थन देते हैं।
3- राजनीतिक दल कानून निर्माण की प्रक्रिया में भाग लेते हैं। कानून निर्माण के दौरान औपचारिक विचार-विमर्श होता है। कानून विधायिका द्वारा बनाये जाते हैं। सत्तापक्ष के सदस्य अपने दल के अनुसार ही निर्णय लेते हैं।
4- राजनीतिक दल ही सरकार बनाते हैं और उसका संचालन करते हैं। सत्ता प्राप्त कर राजनीतिक दल योग्य मंत्रियों को नियुक्त करते हैं।
5- जो दल चुनाव हार जाते हैं वे विपक्ष की भूमिकाओं में सत्ताधारी दल पर नियंत्रण रखते हैं, उनकी नीतियों की आलोचना कर उनकी निरंकुशता पर नियंत्रण रखते हैं। यद्यपि सत्ताधारी दल कानून का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं को जेल भेज देते हैं। भारत में यह चलन आज बहुत है।
6-राजनीतिक दल सरकारी योजनाओं और कल्याणकारी नीतियों को जनता तक पहुंचाते हैं। लोग सरकारी अधिकारियों से ज्यादा नेताओं पर विश्वास करते हैं और उनमें विश्वास करके उनका समर्थन करते हैं।
राजनीतिक दलों की आवश्यकता क्यों होती है?
लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाये रखने, संविधान बनाने, सरकार का गठन करने, और संचालन में राजनीतिक दलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था की संस्थाओं में राजनीतिक दल अलग से परिलक्षित होते हैं। प्रायः आम नागरिकों हेतु लोकतंत्र का अर्थ राजनीतिक दल ही हैं।
यदि देश के दूरस्थ पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्रों में जाएं और न्यूनतम शिक्षित लोगों से बात करें तो संभवतः यह बात हमारे सामने आती है कि उन लोगों को संविधान व सरकार के स्वरूप के बारे में जानकारी का अभाव है। किंतु वे राजनीतिक दलों से पूर्ण रूप से परिचित होते हैं। यद्यपि राजनीतिक दलों के विषय में उनकी राय नकारात्मक होती है, वे सामाजिक विभाजन और वैमनस्यता के लिए राजनीतिक दलों को ही जिम्मेदार मानते हैं।
भारत के प्रमुख राजनीतिक दल
भारत में कई राजनीतिक दल हैं जो अपने-अपने विचारधारा और आदर्शों के आधार पर चुनाव लड़ते हैं। यहां कुछ प्रमुख राजनीतिक दलों के नाम हैं:
भारत के प्रमुख राजनीतिक दल स्थापना वर्ष और चुनाव चिह्न के साथ
यहां भारत में कुछ प्रमुख राजनीतिक दलों की स्थापना और उनके प्रतीक के वर्ष हैं:
- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) – 1980 में स्थापित, प्रतीक: कमल
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) – 1885 में स्थापित, प्रतीक: हाथ
- आम आदमी पार्टी (आप) – 2012 में स्थापित, प्रतीक: झाड़ू
- बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) – 1984 में स्थापित, प्रतीक: हाथी
- समाजवादी पार्टी (सपा) – 1992 में स्थापित, प्रतीक: साइकिल
- राष्ट्रीय जनता दल (राजद) – 1997 में स्थापित, प्रतीक: लालटेन
- जनता दल (यूनाइटेड) [JD(U)] – 1999 में स्थापित, प्रतीक: तीर
- शिवसेना – 1966 में स्थापित, प्रतीक: धनुष और बाण
- तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) – 2001 में स्थापित, प्रतीक: कार
- द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) – 1949 में स्थापित, प्रतीक: उगता हुआ सूरज
- अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) – 1972 में स्थापित, प्रतीक: दो पत्तियां
- जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) – 1932 में स्थापित, प्रतीक: हल
कृपया ध्यान दें कि यह एक विस्तृत सूची नहीं है और भारत में कई अन्य राजनीतिक दल भी हैं। साथ ही कुछ पार्टियों के सिंबल अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग हो सकते हैं।