तमिल भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार इंद्रा सुन्दर राजन का 10 नवम्बर 2024 को निधन हो गया वे 66 वर्ष के थे। उनका वास्तविक नाम इन्दिरा सौन्दर राजन था जबकि तमिल भाषा में उनका नाम का उच्चारण இந்திரா சௌந்தர்ராஜன் था। वे तमिल भाषा के प्रमुख साहित्यकार थे और उन्होंने लघुकथाएँ, उपन्यास, टीवी धारावाहिक तथा स्क्रीनप्ले जैसी विद्याओं में लेखन कार्य किया। वे मदुरई में रहते थे।
राजन को दक्षिण भारतीय, विशेषकर (हिन्दू) परम्पराओं तथा पौराणिक कथाओं का महारथी माना जाता है। सामान्यतः उनकी उनका लेखन कार्य अलौकिक घटनाओं, दैवीय हस्तक्षेप, पुनर्जन्म तथा भूत-प्रेत जैसी काल्पनिक घटनाओं पर आधारित होती हैं लेकिन उनकी कहानियों की विशेषता थी कि वे अक्सर तमिलनाडु के ही स्थानीय घटनाओं और स्थानों पर सचमुच प्रचलित दंतकथाओं से प्रेरित होती हैं।
राजन का जन्म 13 नवम्बर 1958 को सेलम (Salem) भारत के तमिल नाडु राज्य में हुआ। उनका वास्तविक नाम पी सौंदर राजन था लेकिन उन्होंने अपनी मां का नाम इंद्रा को अपने नाम के आगे लगा लिया। राजन ने एक साक्षात्कार में बताया था कि 70 के दशक के अंत में लेखकों के बीच छद्म नाम के तौर पर एक महिला के नाम को अपनाने का चलन था।