मैत्रेयी पुष्पा-Maitrayee Pushpa (जन्म 30 नवंबर 1944), एक हिंदी कथा लेखक हैं। हिंदी की एक प्रख्यात लेखिका मैत्रेयी पुष्पा के पास दस उपन्यास और सात लघु कहानी संग्रह हैं, वह महिलाओं से संबंधित समसामयिक मुद्दों पर समाचार पत्रों के लिए भी खूब लिखती हैं, और अपने लेखन में एक प्रश्नात्मक, साहसी और चुनौतीपूर्ण रुख अपनाती हैं। वह, एक लेखक के रूप में अपनी चक, अल्मा कबुतारी, झूला नट और एक आत्मकथात्मक उपन्यास ‘कस्तूरी कुंडल बसै’ के लिए जानी जाती हैं। इस लेख में हम Maitrayee Pushpa Biography की जीवनी हिंदी में पढ़ेंगे। मैत्रेयी ले लेखन की विशेषता स्त्री और दलित विमर्श है। आइये शुरू करें।
Maitrayee Pushpa Biography in Hindi -मैत्रेयी पुष्पा, जीवन परिचय,
मैत्रेयी पुष्पा अलीगढ़ जिले की 79 वर्षीय भारतीय लेखिका हैं। मैत्रयी के पिता का नाम ‘हीरालाल’ और माता का नाम ‘कस्तूरी’ था। उनका जन्म 30 नवंबर 1944 को अलीगढ़ जिले में हुआ था। डॉ रमेश चंद्र शर्मा से उनका विवाह हुआ था। बड़ी बेटी नम्रता, मझली मोहिता तथा सबसे छोटी सुजाता । मैत्रेयी जी की तीनों बेटियाँ अपने पिता की तरह ही डॉक्टर हैं।
मैत्रेयी पुष्पा हिंदी साहित्य में एक ऐसी लेखिका के तौर पर जानी जाती हैं जिन्होंने अपने साहित्य में रूढ़िवाद और पुरुषवादी वर्चस्व को चुनौती दी है। उनका लेखन न सिर्फ समाज को उसकी हकीकत का आईना दिखाता है बल्कि समाज में रह रहे दबे कुचले वर्गों की आवाज को भी सामने लातीं हैं। मैत्रयी के लेखन में ब्रज और बुंदेल दोनों संस्कृतियों और भाषा की झलक दिखती है। रांगेय राघव और फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ के समकक्ष मानी जाने वाली मैत्रयी यथारतवादी लेखिका मानी जाती हैं।
नाम
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मैत्रेयी पुष्पा
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जन्म
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30 नवंबर 1944
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जन्मस्थान
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सिकुर्रा गाँव, अलीगढ़ उत्तर प्रदेश
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पिता
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हीरालाल
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माता
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कस्तूरी
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पति
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डॉ रमेश चंद्र शर्मा
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बच्चे
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बड़ी बेटी नम्रता, मझली मोहिता तथा सबसे छोटी सुजाता (तीनों बेटी डॉक्टर हैं )
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पेशा
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हिंदी उपन्यासकार कथा लेखक
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आयु
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80 वर्ष
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जाति
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ब्राह्मण
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धर्म
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हिन्दू
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नागरिकता
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भारतीय
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पुरस्कार और सम्मान
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प्रेमचंद सम्मान’, ‘हिंदी अकादमी साहित्य सम्मान’, ‘सार्क लिटरेरी पुरस्कार’
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मैत्रेयी पुष्पा का साहित्यिक जीवन
मैत्रेयी पुष्पा एक हिंदी कथा लेखक हैं। हिन्दी की एक प्रख्यात लेखिका मैत्रेयी पुष्पा के नाम दस उपन्यास और सात लघु कहानी संग्रह हैं। वह एक लेखक के रूप में अपने चाक,अल्मा कबूतरी, झूला नट और एक आत्मकथात्मक उपन्यास ‘कस्तूरी कुंडल बसे’ के लिए जानी जाती हैं।
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आजीविका
मैत्रेयी पुष्पा ने साप्ताहिक राष्ट्रीय सहारा में एक नियमित कॉलम लिखने के अलावा लघु कथाओं के सात संग्रह और दस उपन्यास लिखे हैं।
दिल्ली महिला आयोग ( DWC ) की अध्यक्षा पर के लिए दिल्ली सरकार ने मैत्रेयी पुष्पा के नाम का प्रस्ताव रखा।
लेखन शैली
चूंकि वह हिंदी की एकमात्र महिला लेखिका हैं, जिन्होंने ग्रामीण भारत के बारे में लिखने का साहस किया है, उनका लेखन सामंती व्यवस्था के खिलाफ एक निरंतर संघर्ष है जो अभी भी भारतीय गांवों में व्याप्त है। उनके नायक हमेशा नारी की गरिमा को बनाए रखने वाली निडर महिलाएं हैं, जो पुरुष वर्चस्व को झेलती हैं और उसका विरोध करती हैं।
हिंदी की कोई अन्य महिला लेखिका मैत्रेयी से बेहतर ग्रामीण राजनीति और वास्तविकता को नहीं समझती और उसका चित्रण करती है। वह बोल्ड और स्पष्टवादी है। वह अपनी शक्तिशाली मुहावरेदार भाषा और बेहिचक इलाज के लिए जानी जाती हैं।
मैत्रेयी पुष्पा के विषय में राजेंद्र यादव ने कहा है कि ” मैत्रेयी पुष्पा ने अपने लेखन में जिस प्रकार गांव, खेतों खलिहानों के खुले वातावरण से अपने साहित्य का सृजन किया है वह शहर की घुटन भरी ज़िंदगी में एक ताजा हवा के झोंके के समान है, उनसे पहले इस तरह का साहसिक साहित्य लेखन देखने को नहीं मिला है । उन्होंने हमारे किताबी शीर्षक और भाषा दोनों को नई परिभाषाएं दी हैं। आजादी के बाद रंगे राघव और फणीश्वर नाथ ‘रेणु’ के बाद तीसरा नाम मैत्रेयी का होगा जो धूमकेतु की तरह साहित्य के आसमान में फूट पड़ा है।
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नेट वर्थ
मैत्रेयी पुष्पा अपने लेखन से लगभग 7 से 9 करोड़ रूपये की आय कर चुकी हैं
उनका लेखन कार्य
कहानी संग्रह:
- फाइटर की डायरी
- समग्र कहानियां अब तक
- 10 प्रतिनिधि कहानी
- प्यारी का सपना
- गोमा हंसती है
- ललमनियानी
- चिनहारी
उपन्यास:
- गुनाह बेगुनाः
- कहीं इसुरी फागो
- त्रिया हाथी
- बेतावा बहती रही
- इदन्नाम्मम
- चाक
- झूला नट
- अल्मा कबूत्री
- दृष्टि ( विज़न )
- आगनपाखी
- आत्मकथाएँ:
- गुड़िया भितर गुड़िया
- कस्तूरी कुंडल बसे
नाटक:
- मंदक्रांत
- टेलीफिल्म:
- “फैसला” कहानी पर आधारित “वसुमती की चिट्ठी”
नारी विमर्श :
- खुली खिडकियानी
- सुनो मालिक सुनो
- चर्चा हमारा
- आवाज़
- तबदील निगाहें
पुरस्कार और सम्मान
FAQs
Q-मैत्रेयी पुष्पा का जन्मस्थान क्या है ?
Ans– मैत्रेयी का जन्म 30 नवंबर 1944 को अलीगढ जिले के सिकुर्रा गांव में हुआ था।
Q- मैत्रेयी पुष्पा के माता-पिता कौन थे ?
Ans – मैत्रयी की माता-पिता ‘कस्तूरी’ और ‘हीरालाल’ थे।
Q- मैत्रेयी पुष्पा का प्रथम उपन्यास कौनसा है?
Ans -‘स्मृति दंश’ उनका प्रथम उपन्यास है जो वर्ष 1990 में प्रकाशित हुआ था।
Q- मैत्रेयी पुष्पा के पति कौन हैं?
Ans – डॉ. रमेशचंद्र शर्मा मैत्रयी जी के पति हैं जो पेशे से डॉक्टर हैं।
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