मनसा मूसा: माली सल्तनत के दूसरे सुल्तान

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मनसा मूसा (Mansa Musa) 1280 से 1337 तक माली सल्तनत के दूसरे सुल्तान थे। वे अफ्रीका महाद्वीप के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। मनसा मूसा ने अपनी शासनकाल के दौरान माली सल्तनत को बहुत बड़ा बनाया। उन्होंने महत्वपूर्ण शहरों को निर्माण करवाया, समृद्ध व्यापार रिश्तों को विस्तारित किया और अन्य राज्यों के साथ निकट संबंधों की स्थापना की।

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मनसा मूसा: माली सल्तनत के दूसरे सुल्तान

 मनसा मूसा

1337 में, मनसा मूसा ने एक महान यात्रा की जिसमें वे अपने साथ करीब 60,000 से अधिक लोगों को साथ लेकर गये थे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य मक्का के लिए हज जाना था। इस यात्रा में मनसा मूसा ने इस्लाम धर्म के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की और बड़ी मात्रा में सोने और अन्य संपत्ति को भी ले जाया। इससे, उन्हें अफ्रीका के सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में जाना जाता है।

  • शासनकाल -1280-1337
  • देश – ‘माली’

वर्तमान दौर में हर व्यक्ति अपनी जिंदगी को ऐशोआराम से जीना चाहता है। अपनी जिंदगी को वैभवशाली बनाने के लिए इंसान दिन-रात पैसे कमाने के बारे सोचता है। वह किसी भी तरिके से केवल और केवल पैसा कमना चाहता है। अपनी धन-सम्पत्ति में बढ़ोत्तरी के लिए दिन-रात काम करता है।

 क्या आप ऐसे किसी इंसान के बारे में जानते हैं जिसकी सम्पत्ति का अंदाज़ा आज तक कोई नहीं लगा पाया। जिसे इतिहास में सबसे अमीर व्यक्ति के रूप में संदर्भित किया जाता है।  जी हाँ हम बात कर रहे हैं एक ऐसे शासक की जिसके पास अकूत सम्पत्ति थी।  मंसा मूसा जिसे इतिहास का सबसे धनी शासक माना जाता है।

मंसा मूसा का संक्षिप्त जीवन परिचय

मनसा मूसा का जन्म १२८० में हुआ था वह पश्चिमी अफ्रीका का शासक था। उसी समय उसका बड़ा भाई मंसा अबू बक्र पश्चिमी अफ़्रीकी देश माली में शासन करता था। अपने भाई के लम्बी यात्रा पर चले जाने के बाद उनके स्थान पर मंसा मूसा ने सत्ता को संभाला। मनसा मूसा के विषय में एक अवधारणा यह भी है कि वो टिंबकटू के राजा थे।

१४वीं शताब्दी तक मंसा मूसा ने पश्चिमी अफ्रीका पर शासन किया। अपने शासन काल में मंसा मूसा ने बहुत धन एकत्र किया। उसने इतना अधिक धन एकत्र किया जिसका अंदाज़ा आज तक कोई नहीं लगा पाया।

कैसे बना मनसा मूसा इतना अमीर

मनसा मूसा के आमिर बनने के पीछे था सोना जिसकी उस समय बहुत मांग थी। उस समय पश्चिमी अफ्रीका में सोने के भंडार थे और उन पर मनसा मूसा का आधिपत्य था। यह भी कहा जाता है कि अकेले मनसा मूसा के पास दुनिया का आधा सोना था मौजूद था।

विश्व में जैसे-जैसे सोने की मांग में बढ़ोत्तरी हुई वैसे ही राजा ,मनसा मूसा की सम्पत्ति में बढ़ोत्तरी होती गई। यह धन इतना अधिक बढ़ गया था कि गिनने के लिए हाथ भी कम पड़ गए। इसके बाद लोगों ने उसकी धन सम्पदा का अंदाजा लगाना ही छोड़ दिया।

मनसा मूसा की अनुमानित दौलत

मनसा मूसा के पास अनुमानित 400 बिलियन डॉलर  की सम्पत्ति थी। मनसा मूसा का वास्तविक नाम मूसा कीटा प्रथम था और शासक बनने के बाद उसे मनसा मूसा के नाम से जाना गया। मनसा मूसा के पास जेफ़ बेजोस से भी अधिक दौलत थी।

मनसा मूसा का साम्राज्य

  मनसा मूसा के साम्राज्य के अंतर्गत वर्तमान मॉरिटानिया, सेनेगल, गाम्बिया, गिनिया, बुर्किना फासो , माली, नाइजर, चाड और नाइजीरिया सम्मिलित थे। मनसा मूसा ने बहुत सी मस्जिदों का निर्माण कार्य कराया।
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मक्का की यात्रा पर खर्च करता था बहुत सा धन

मनसा मूसा ने मक्का की यात्रा पर बहुत सा सोना खर्च किया। 1324 के आसपास मनसा मूसा ने साढ़े छह हज़ार किलोमीटर का सफर तय किया था। मनसा मूसा के काफिले में लगभग 60 हज़ार लोग सम्मिलित थे। इनमें से सुल्तान के अनुचरों की संख्या 12 हज़ार थी। मनसा मूसा  घोड़े के आगे 500 लोगों का दस्ता चलता था जिनके हाथ में सोने की छड़ें होती थीं। मनसा मूसा के ये 500 खास अनुचर शानदार रेशमी वस्त्र धारण करते थे।

अपनी उदारता के लिए प्रसिद्ध थे मनसा मूसा

मनसा मूसा के कारवां में 80 ऊंटों का एक काफिला भी था जिस पर 136 किलो सोना लदा हुआ था। मनसा मूसा ने मिस्र की राजधानी काहिरा से गुजरते हुए वहाँ के गरीबों को बहुत धन बांटा।

मनसा मूसा की दौलत के किस्से सुनकर यूरोप के लोग उन्हें देखने आने लगे। यूरोपियों ने मनसा मूसा की दौलत की पुष्टि के बाद महत्वपूर्ण मानचित्र कैटलन एटलस में माली सल्तनत और उसके बादशाह का नाम  सम्मिलित किया। कैटलन एटलस में उन तमाम जगहों का वर्णन किया गया है जिसने यूरोपीय लोग परिचित थे।

कैसे अंत हुआ मनसा मूसा का

इंडिया टाइम्स के मुताबिक मूसा के सोने ने ही मिस्र को बर्बाद किया और उसे कंगाली के हालत में पहुंचा दिया। मनसा मूसा ने इतना सोना दान में दिया कि इस पुरे देश में सोने का मूल्य बहुत घट गया। अचानक से महंगाई बढ़ गई। 57 साल की आयु में मनसा मूसा की मृत्यु हो गयी। मनसा मूसा ने एक लम्बे समय तक स्वस्थ जीवन बिताया था और 1332 ईसा पूर्व में उनका निधन हुआ था।

उनकी मृत्यु के बाद, उनके द्वारा शुरू की गई अनेक पहलुओं ने उनके बाद आगे बढ़ने के लिए संदर्भ प्रदान किया था। उनकी संदिग्ध मृत्यु के बाद उन्हें सुल्तान मन्सा मूसा के नाम से जाना जाता है जो दुनिया के इतिहास में एक महान राजा थे। उसकी मृत्यु के बाद उसके बेटे ने गद्दी संभाली पर वह सत्ता को सँभालने में नाकाम सिद्ध हुआ। जिसके बाद मूसा की सल्तनत छोटे-छोटे टुकड़ों  में बंट गई।

मूसा ने 25 वर्ष तक शासन  किया।  उसने अपने देश में बहुत  कार्यों को कराया। उसने माली के पुस्तकालय  में अब्बल दर्जे का इस्लामिक साहित्य एकत्र कराया। मूसा ने माली में कुरानिक स्कूल की स्थापना की और शुक्रवार को सामूहिक नमाज को प्रारम्भ कराया। वह अपने देश के नागरिकों को इस्लामिक अध्ययन के लिए उत्तरी अफ्रीका इस्लामी यूनिवर्सिटीज में भेजता था।

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