गुप्तों के पतन के बाद उत्तर भारत की राजनीतिक दशा
मौर्यकाल के पतन के बाद भारत में एक मजबूत राजनीतिक इकाई का अभाव हो गया, जिसे गुप्तकाल में पूरा किया गया। गुप्तकाल [ 319-467] में एक से बढ़कर एक महान शासक हुए और भारत को शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में स्थापित किया। गुप्तों के पतन के बाद एक बार फिर उत्तर भारत में शक्ति शून्य उभर गया। उसके बाद उत्तर भारत में राजनीतिक रूप से क्षेत्रीय शक्तियों का उदय हुआ। इस लेख में हम गुप्तकाल के बाद उत्तर भारत की राजनीतिक दशा का वर्णन करेंगे।