B.R.Ambedkar-वो भीमराव अम्बेडकर जिन्हें आप नहीं जानते होंगे - Page 3 of 4 - 𝓗𝓲𝓼𝓽𝓸𝓻𝔂 𝓘𝓷 𝓗𝓲𝓷𝓭𝓲

आजाद हिंद फौज मुक़दमा: इतिहास, मुकदमें और न्यायिक फैसलों की जानकारी

आज़ाद हिन्द फ़ौज की भारत को आज़ाद करने की लड़ाई बेमिसाल थी। देशभक्त सुभाष चंद बोस द्वारा गठित आज़ाद हिन्द फ़ौज के विलक्षण कार्यों का भारतीय जनता पर अत्यंत गहरा प्रभाव पड़ा। जब ब्रिटिश सरकार ने आज़ाद हिन्द फ़ौज के कुछ अफसरों के विरुद्ध ब्रिटिश शासन की वफादारी की शपथ तोड़ने और विश्वासघात करने के … Read more

भारत के संविधान का निर्माण- संविधान दिवस का इतिहास, प्रक्रिया, समय एवं प्रमुख तथ्य

भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानून है। इसे 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था, और 26 जनवरी, 1950 को प्रभाव में आया। भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसमें 25 भागों, 12 अनुसूचियों और 5 परिशिष्टों में 448 लेख शामिल हैं।

B R Ambedkar-वो भीमराव अम्बेडकर जिन्हें आप नहीं जानते होंगे-अम्बेडकर जयंति 2022 पर विशेष

आज इस ब्लॉग में हम  बात रहे हैं हैं भारत का संविधान बनाने वाले बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की। उनकी ज़िंदगी से जुड़े कुछ अद्भुद किस्से हम आपके लिए इस ब्लॉग में लेकर आये हैं जिन्हें पढ़कर आपको पता चलेगा बाबा साहब इतने महान क्यों हैं ?  B R Ambedkar यह एक दिलचस्प बात है … Read more

संथाल विद्रोह: कारण, घटनाएं और परिणाम

भारत में अंग्रेजों के खिलाफ सर्वप्रथम आवाज़ उठाने वाले लोगों में इस देश के धनाढ्य या शिक्षित वर्ग के लोग नहीं थे बल्कि इस देश के जंगलवासी अथवा आदिवासी समुदाय से संबंधित लोग थे। ऐसे ही एक आदिवासी विद्रोह ‘संथाल विद्रोह’ का इतिहास में बहुत महत्व है। A symbolic picture of the Santhal rebellion-photo credit … Read more

क्या गाँधी जी भगत सिंह को फांसी से बचा सकते थे | Could Gandhiji have saved Bhagat Singh from hanging?

अक्सर बहुत से जिज्ञासु अथवा गाँधी के आलोचक यह कहते सुने जाते हैं कि अगर महात्मा गाँधी चाहते तो सरदार भगत सिंह को फांसी से बचा सकते थे लेकिन उन्होंने इसका कोई प्रयास नहीं किया। मगर हकीकत इसके उलट है गाँधी ने भगत सिंह सहित उनके साथ गिरफ्तार अन्य क्रांतिकारियों को बचाने के लिए पूरी … Read more

गुरुवायूर मंदिर प्रवेश सत्याग्रह किसके द्वारा चलाया गया

दलित व पिछड़े वर्गों के सामाजिक व आर्थिक तथा छुआछूत उन्मूलन के लिए संघर्ष 1924 के बाद भी चलता रहा।  यह गाँधी जी के ‘रचनात्मक कार्यक्रमों’ का एक हिस्सा था। केरल में एक बार इस संघर्ष ने जोर पकड़ा। गुरुवायूर मंदिर प्रवेश आंदोलन एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुधार आंदोलन था जो 1931 में भारत के केरल … Read more

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज ने जारी की तीन मंडलो के माध्यमिक विद्यालयों हेतु चयनित संस्थाप्रधान की चयन सूची

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा  चयनित अभ्यर्थियों की सूची संस्थाप्रधान     यहां क्लिक करें PDF  १- संस्थाप्रधान – बस्ती मंडल   २- संस्थाप्रधान – फैज़ाबाद मंडल  ३- संस्थाप्रधान – चित्रकूट मण्डल  4- संस्थाप्रधान- मेरठ मण्डल  5- संस्थाप्रधान- मुरादाबाद मण्डल  6- संस्थाप्रधान- गोरखपुर  मण्डल   YOU MAY READ ALSO  B.R.Ambedkar-वो भीमराव अम्बेडकर जिन्हें आप नहीं जानते होंगे  सिन्धु … Read more

सावित्री बाई फुले, भारत की प्रथम महिला शिक्षिका: जीवनी और शिक्षा और महिला सशक्तिकरण में योगदान

प्रथम महिला शिक्षिका

सावित्री बाई फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका थीं उनका जन्म 03 जनवरी 1831 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के नयगांव हुआ था। उनके माता-पिता का नाम लक्ष्मी और खन्दोजी नैवेसे था। मात्र 9 वर्ष की आयु में ( 1840 )  ज्योतिबा फुले ( 13 वर्ष ) के साथ हुआ था। शादी  के समय सावित्री बाई बिलकुल अनपढ़ थीं और ज्योतिबा कक्षा तीन में पढ़ते थे।सावित्री बाई ने उस समय पढ़ने का सपना देखा जब इस देश में दलितों के साथ भयंकर भेदभाव और अत्याचार होता था। उन्होंने भारत में प्रथम बालिका स्कूल के साथ प्रथम किसान स्कूल की भी स्थापना की।

पूना पैक्ट गाँधी और सवर्णों की साजिश ? Poona Pact in Hindi

  “गाँधी कोई महात्मा नहीं मैं उन्हें महात्मा नहीं मानता  वो एक शातिर राजनेता हैं।” ये बात बाबा साहब आंबेडकर ने गाँधी के बारे में कही थी। क्यों कही थी? क्योंकि बाबा साहब गाँधी को बहुत अच्छे से जान चुके थे वो पहचान चुके थे कि कैसे गाँधी वर्ण व्यवस्था के कट्टर समर्थक हैं,  और … Read more

फ्रांसीसी क्रांति – 1789 के प्रमुख कारण और परिणाम

फ्रांसीसी क्रांति ने सिर्फ फ्रांस में ही व्यवस्था परिवर्तन किया बल्कि इस क्रांति ने सम्पूर्ण विश्व में तानशाही सरकारों के कदमों को हिला दिया और अन्य देशों और ब्रिटिश औपनिवेशों को भी उखाड़ने  का मार्ग प्रशस्त कर दिया। फ्रांसीसी क्रांति ने न सिर्फ लोकतंत्र को स्थापित किया बल्कि आगे चलकर महिला अधिकारों के लिए भी … Read more