
नेपाल भूकंप अपडेट
नेपाल में विनाशकारी भूकंप ने जनजीवन को पहुंचे हानि, सुदूर पश्चिमी नेपाल में आए तेज भूकंप ने 150 से अधिक लोगों को मौत की नींद सुला दिया।
राहत और बचाव के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती
काठमांडू से 500 किमी पश्चिम में स्थित जजरकोट और पश्चिमी रुकुम के पिछड़े जिलों में सहायता और बचाव कार्यों के लिए सरकार द्वारा सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।
भूकंम्प के झटके दूर-दूर तक महशूस किये गए हैं
नेपाल में आया विनाशकारी भूकंप सिर्फ नेपाल तक सिमित नहीं था। नेपाल की राजधानी और दिल्ली सहित पड़ोसी भारतीय शहरों उत्तर प्रदेश तक में भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए, जो भूकंप की तीव्रता को वयां करते हैं।
घायलों की संख्या से भरे अस्पताल
प्राप्त जानकारी के अनुसार 100 से अधिक लोगों के घायल होने की सूचना है, जिससे जजरकोट के अस्पताल की आपातकालीन सुविधाएं घायलों से भर गई हैं।
स्थानीय लोगों में भय का माहौल है
आगे आने वाले भूकंपों और घरों के ढहने के डर के बीच, लोग आधी रात के शक्तिशाली झटकों को महशुस करने के बाद घरों से बाहर आ जाते हैं, इस भूकंप में बहुत से मकान ढह गए हैं।
मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए लोग आगे आये हैं
स्थानीय मीडिया फ़ुटेज में टूटे हुए बहुमंजिला ईंटों के मकानों और जीवित बचे लोगों को बचाने के लिए मलबे में खुदाई करने वाले मददगार लोगों के द्वारा दर्दनाक दृश्यों को कैद किया गया है, जो सोशल मीडिया पर भूकंप की मार को बता रहे हैं।
यूनिसेफ ने लोगों की मदद के लिए कदम उठाये हैं
यूनिसेफ ने नेपाल के भूकंप प्रभावित क्षेत्र में बच्चों और परिवारों को हुए नुकसान और आपदा की मार का आकलन करने के लिए कदम उठाया है।
नेपाली प्रधान मंत्री दहल की आई प्रतिक्रिया
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने सोशल मीडिया पर भूकंप में हुए जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया है और सुरक्षा एजेंसियों को तुरंत बचाव और राहत अभियान शुरू करने का आदेश दिया है।
भूस्खलन से बचाव के प्रयास में कठिनाई
भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे रहत और बचाव कार्यों में भूकंप के कारण हुए भूस्खलन के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे पहले से ही चुनौतीपूर्ण स्थिति और भी जटिल हो गई है।
सटीक जानकारी एकत्र करने में चुनौतियाँ
जजरकोट जिले के पुलिस प्रमुख, सुरेश सुनार ने स्थिति ठोस जानकारी प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों को न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के साथ साझा किया। उन्होंने बताया कि रात की ठंड और अंधेरे ने दूरदराज के इलाकों से जानकारी इकट्ठा करने के प्रयासों में बाधा उत्पन्न की।
भयभीत निवासी घरों से भागे
क्षेत्र के एक अन्य पुलिस अधिकारी संतोष रोक्का ने बताया कि घर ढह गए हैं, जिससे लोगों को जल्दी से अपने घर खाली करने के लिए मजबूर होना पड़ा। भूकंप आने के तुरंत बाद क्षेत्र भयभीत निवासियों से भर गया।
भूकंप का समय
भूकंप स्थानीय समयानुसार 23:47 बजे (18:02 जीएमटी) पर आया, जैसा कि नेपाल के निगरानी और अनुसंधान केंद्र द्वारा दर्ज किया गया है।
भूकंप की तीव्रता और उथली गहराई
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप की तीव्रता 5.6 दर्ज की गई और इसे उथले भूकंप के रूप में वर्गीकृत किया गया, जिसका अर्थ है कि यह पृथ्वी की सतह के करीब उत्पन्न हुआ।
नेपाल की भूकंपीय गतिविधि के प्रति संवेदनशीलता
हिमालय क्षेत्र के साथ नेपाल की स्थिति इसे महत्वपूर्ण भूकंपीय गतिविधि के प्रति संवेदनशील बनाता है। पिछले महीने ही, पश्चिमी जिले बझांग में 6.3 तीव्रता के भूकंप के कारण लोग घायल हो गए थे।
पिछली त्रासदियों की याद दिलाई
2015 में, नेपाल में दो विनाशकारी भूकंप आए, जिसमें 9,000 लोगों की जान चली गई और 22,309 लोग घायल हो गए। पहला, 25 अप्रैल, 2015 को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे सबसे अधिक विनाश और जानमाल का नुकसान हुआ। उसी वर्ष मई में 7.3 तीव्रता के भूकंप सहित बाद के झटकों ने संकट को और बढ़ा दिया।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटीज (आईएफआरसी) की रिपोर्ट के अनुसार, इन भूकंपों ने 800,000 से अधिक घरों को तबाह कर दिया, मुख्य रूप से पश्चिमी और मध्य जिलों में। इसके अतिरिक्त, काठमांडू घाटी में सरकारी इमारतों, सड़कों और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों को नुकसान हुआ, काठमांडू के उत्तर में कई गांव खंडहर हो गए।
Sources–BBC.COM
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