सर्च इंजन क्या है? सर्च इंजन कितने प्रकार के होते हैं? सर्च इंजन कैसे काम करता है? सर्च इंजन कितने प्रकार का होता है? सर्च इंजन क्या है समझाया गया.Search Engine History in Hindi
Search Engine
दोस्तों आज हम आपको सर्च इंजन के बारे में बता रहे हैं कि सर्च इंजन कितने प्रकार के होते हैं और इनका इस्तेमाल हम कहां करते हैं। आजकल गूगल का इस्तेमाल सर्च इंजन के तौर पर ज्यादा किया जाता है, और भी कई सर्च इंजन हैं, लेकिन आजकल हर कंपनी के मोबाइल में कितने तरह के गूगल सर्च इंजन होते हैं- पूरी जानकारी हिंदी में इनबिल्ट होती है, इसलिए हमें कोई भी जानकारी हासिल करनी होती है। और सर्च इंजन की जरूरत नहीं है।
Search Engine-सर्च इंजन क्या है, सर्च इंजन कितने प्रकार के होते हैं – पूरी जानकारी
आज के दौर में भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो Search Engine के बारे में नहीं जानते हैं। जब भी हमें कुछ सर्च करना होता है तो हम खुद गूगल खोलते हैं और किसी सर्च इंजन के बारे में नहीं जानते, इसीलिए आज हम आपको जानकारी दे रहे हैं।
सर्च इंजन क्या है?
आज के इंटरनेट युग में अधिकांश लोगों के पास कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल है, इसलिए जब हमें कुछ खोजना होता है, तो हम सीधे Google क्रोम पर जाते हैं। लोगों को नहीं पता कि सर्च इंजन कितने प्रकार के होते हैं – पूरी जानकारी हिंदी में है।Search Engine History in Hindi
जब भी हम सर्च इंजन पर कुछ सर्च करते हैं तो हमें उसका कीवर्ड पता होना चाहिए, जैसे ही आप कीवर्ड डालते हैं, आपको उससे जुड़ी सारी जानकारी मिल जाएगी। सर्च इंजन का काम इंटरनेट के डेटाबेस को हमारी स्क्रीन पर दिखाना है। फिर हमें इससे जुड़ी वेबसाइट पर क्लिक करके सारी जानकारी मिल जाती है।
सर्च इंजन का आविष्कार कब हुआ था?
सर्च इंजन का आविष्कार सबसे पहले कनाडा में साल 1990 में हुआ था। जहां 3 वैज्ञानिकों ने इसका आविष्कार किया था, जिनके नाम एलन एमटैग, बिल हीलन और पीटर डच हैं। और Archie Search Engines कितने प्रकार के होते हैं – पूरी जानकारी का आविष्कार हिंदी में।
इसके बाद साल 1991 में अर्की का नया वर्जन आया, जिसका नाम गोफर्स रखा गया। उस जमाने में कोई भी सर्च इंजन डायरेक्ट वेबसाइट नहीं खोलता था, पहले उसे डाउनलोड कर लेता था और उसके बाद हम उस पर वेबसाइट देखते थे।
Search Engine History
- वर्ल्ड वाइड वेब (www) की स्थापना के एक साल बाद 1990 में इंटरनेट की दुनिया में पहले सर्च इंजन आर्ची का जन्म हुआ।
- यह तीन कंप्यूटर विज्ञान के छात्रों एलन एम्टेज, बिल हीलन और कनाडा के मैकगिल विश्वविद्यालय के जे पीटर डिक्शन द्वारा अपने कॉलेज के दिनों में बनाया गया था।
- इसके बाद साल 1991 में आर्ची का नया रूप गोफर्स आया।
- इसके बाद 1994 में एक वेबक्रॉलर खोज की गई, जो आज भी काम करती है।
- उसके बाद 1995 आया, दुनिया का पहला लोकप्रिय सर्च इंजन Yahoo!
- इसके बाद कुछ और सर्च इंजन जैसे मैगलन, एक्साइट, इन्फोसीक, इंकटोमी, नॉर्दर्न लाइट और अल्टाविस्टा भी बाजार में आए लेकिन वे ज्यादा दिन नहीं चले।
- साल 1997 में इंटरनेट की दुनिया के बादशाह गूगल ने इंटरनेट पर सर्फिंग की परिभाषा बदल दी।
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सर्च इंजन के काम करने का तरीका क्या है?
आमतौर पर सर्च इंजन 3 तरह से काम करता है जो हम आपको नीचे बता रहे हैं-
क्रॉलिंग
जब हम किसी सर्च इंजन की मदद से इंटरनेट पर कुछ सर्च करते हैं तो सर्च इंजन इंटरनेट पर लाखों प्रोग्राम लाकर हजारों वेबसाइटों को डेटाबेस सर्वर में स्टोर कर लेता है, इस प्रक्रिया को क्रॉलिंग कहते हैं।
इंडेक्सिंग
जब क्रॉल अपना काम करता है और डेटा प्राप्त करता है, तो डेटाबेस में सभी डेटा को सूचीबद्ध करना इंडेक्सिंग कहलाता है।
RANKING
रैंकिंग की गणना इस बात से की जाती है कि किसी वेबसाइट के पोस्ट को कीवर्ड द्वारा कितनी बार उपयोग किया जाता है, इसके अनुसार वेबसाइट की रैंक को अनुक्रमित किया जाता है। जब भी हम अपने सर्च इंजन पर कुछ सर्च करते हैं तो सर्च इंजन उसे ढूंढ लेता है, इसके लिए सर्च इंजन एल्गोरिदम का इस्तेमाल करता है। इसे रैंकिंग कहा जाता है
SEARCH इंजन उपयोग
बहुत से लोग अलग-अलग कामों के लिए सर्च इंजन का इस्तेमाल करते हैं जो हम आपको बता रहे हैं। कई लोग इसका इस्तेमाल अपने मनोरंजन के लिए करते हैं लेकिन ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल अपने शोध के लिए करते हैं।
और उसके मन में जो भी सवाल था उसका जवाब पाने के लिए वह सर्च इंजन का इस्तेमाल करता है। इसमें इंटरनेट यूजर्स घर बैठे कई काम करते हैं जैसे ऑनलाइन शॉपिंग नेट बैंकिंग वेबसाइट।
लेकिन अपना अकाउंट बनाएं। अलग-अलग तरह के लोग इसका इस्तेमाल अपनी रुचि के अनुसार करते हैं और सर्च इंजन के जरिए सर्च करते हैं।
भारत में शीर्ष 5 खोज इंजन
गूगल-GOOGLE
Google दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला सर्च इंजन है। गूगल पर प्रति सेकेंड लगभग 63000 सर्च होते हैं। इस संख्या के आधार पर देखा जाए तो गूगल पर हर साल करीब 2 ट्रिलियन सर्च होते हैं। Google की शुरुआत 1997 में अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक लैरी पेज और सर्जन ब्रिन ने की थी। सर्च इंजन मार्केट शेयर में Google की हिस्सेदारी लगभग 92.81% है, Google की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण इसका सूचना डेटाबेस है।
बिंग-BING
बिंग माइक्रोसॉफ्ट द्वारा बनाया गया है। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ स्टीव बाल्मर ने साल 2009 में इसकी शुरुआत की थी। बिंग एक लोकप्रिय सर्च इंजन की सूची में गूगल के बाद दूसरे स्थान पर है, माइक्रोसॉफ्ट ने भीम को एनएसएन सर्च पर अपने पुराने सर्च इंजन लाइफ सर्च से बदल दिया है। सर्च इंजन मार्केट शेयर में करीब 2.38% शेयर के साथ बिंग दूसरे नंबर पर है।
याहू-YAHOO
याहू दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन में भी जाना-पहचाना नाम है। याहू सर्च इंजन और पोर्टल होने के अलावा और भी कई सेवाएं प्रदान करता है। इनमें से याहू मेल सबसे प्रसिद्ध है। Google की तुलना में, yahoo उतने तेज़ और सटीक परिणाम नहीं दिखा पाता है और शायद इसीलिए यह एक search engine के रूप में इतना बेहतर नहीं है।
एओएल.कॉम-AOL.COM
एओएल एक अमेरिकी वेब पोर्टल और ऑनलाइन सेवा प्रदाता कंपनी है। हालांकि भारत में AOL Search Engine का ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाता है, लेकिन हिंदी सर्च के हिसाब से यह एक बेहतरीन सर्च इंजन है। इसमें लाखों हिंदी वेबसाइट और ब्लॉग मौजूद हैं, जो आपको हिंदी भाषा में जानकारी प्रदान करते हैं। सर्च इंजन मार्केट में इसकी हिस्सेदारी लगभग 0.06% मानी जाती है।
Yandex
यांडेक्स को रूस में सबसे लोकप्रिय सर्च इंजन का दर्जा मिला है। यांडेक्स रूस में वैसे ही प्रसिद्ध है जैसे भारत में गूगल छाया है। इसे 1997 में Arkady Valozh और Arkady Borkovsky द्वारा शुरू किया गया था। एक सर्च इंजन के अलावा, यह कई अन्य सेवाएं भी प्रदान करता है। भारत में इसकी बाजार हिस्सेदारी केवल 0.01% है। यांडेक्स पर जानकारी ढूँढना उतना ही आसान है जितना कि Google पर।
खोज इंजन प्रकार
सामान्य खोज इंजन
जब हम किसी खास टॉपिक को सर्च करते हैं तो सर्च इंजन हमेशा वही दिखाता है जो हमने सर्च किया है, यह हमें उस टॉपिक से जुड़ी सारी जानकारी देता है, जो कीवर्ड्स के आधार पर सर्च की जाती है, इसे जर्नल सर्च इंजन कहते हैं।
मेटा सर्च इंजन-META
जब हम इस सर्च इंजन के जरिए किसी टॉपिक को सर्च करते हैं तो वह एक साथ कई सर्च इंजन पर दिखाई देता है और यह सर्च इंजन अपनी डुप्लीकेट फाइल्स को हटा देता है, इससे यूजर का काफी समय बच जाता है और हम उसी तरह से हैं। सर्च इंजन बहुत सारी जानकारी उपलब्ध कराते हैं। उदाहरण- डकडकगो, डॉगपाइल
विशिष्ट खोज इंजन
जब हम किसी विशेष विषय से संबंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह आसानी से इस खोज इंजन के माध्यम से खोजी जाती है और हमारी स्क्रीन पर दिखाई देती है, यह खोज इंजन सीमित क्षेत्र में ही काम करता है। जैसे लोकल सर्च इंजन (जस्टडायल), और शॉपिंग सर्च इंजन (याहू शॉपिंग)।
क्रॉलर-आधारित खोज इंजन-
खोज इंजन जो केवल और केवल कंप्यूटर प्रोग्राम की सहायता से चलते हैं (जिन्हें स्पाइडर, क्रॉलर या बॉट भी कहा जाता है); उन्हें किसी की जरूरत नहीं है। उन्हें क्रॉलर-आधारित खोज इंजन कहा जाता है। उदाहरण- ask.com
निर्देशिका-आधारित खोज इंजन-
वे सर्च इंजन जिनमें केवल और केवल लोगों की एक टीम द्वारा चुनी गई वेबसाइटें दिखाई जाती हैं, स्वचालित रूप से कोई वेबसाइट नहीं दिखाती हैं। उन्हें निर्देशिका-आधारित खोज इंजन कहा जाता है।
हाइब्रिड सर्च इंजन-
जो सर्च इंजन क्रॉलर/बॉट्स के साथ-साथ मानव-चयनित चीजों का उपयोग करते हैं, उन्हें हाइब्रिड सर्च इंजन कहा जाता है। जैसे- गूगल, याहू
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