विश्व विरासत दिवस 2022: यूनेस्को ने 167 देशों में कुल 1155 स्मारकों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों के रूप में नामित किया है।
विश्व धरोहर दिवस सम्पूर्ण विश्व में प्रत्येक वर्ष 18 अप्रैल को मनाया जाता है।, इस दिवस को मनाने उद्देश्य सम्पूर्ण विश्व में जो विश्व धरोहरों के रूप में चिन्हित स्थल या स्मारक हैं उनके संरक्षण और विविधता के संबंध में जागरूकता को फैलाया जा सके, साथ ही उन विश्व धरोहरों से सम्पूर्ण विश्व को परिचित कराया जा सके।
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कैलास मंदिर ऐलोरा -विश्व धरोहर |
यह विशेष दिन हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं की समझ का प्रतीक है जो संरक्षित करने योग्य हैं। यह दिन युवा पीढ़ी को हमारी विरासत को आगे बढ़ाने और हमारी संस्कृति की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश देने के लिए मनाया जाता है। यह दिवस उन सब लोगों के प्रति कृतग्यता भी प्रकट करने के लिए मनाया जाता है जो लोग विरासत के संरक्षण में अपना कीमती योगदान करते हैं, जैसे सिविल इंजीनियर, भूगोलवेत्ता, इंजीनयर, कलाकार, पुरातत्वविद आदि।
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यूनेस्को जिसका पूरा नाम संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन है, जिसका काम विश्व भर में शैक्षिक और उससे जुड़े विभिन्न विषयों के प्रति जागरूकता फैलाना है ने विश्वभर के 167 देशों में कुल 1155 स्मारकों को चिन्हित किया और उन्हें यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों की सूचि में स्थान देकर उन्हें संरक्षित करने का जिम्मा लिया है।
इस दिवस से जुडी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इससे जुड़ा इतिहास और विरासत को विस्तार से जानते हैं।
इस वर्ष, यह दिन खुले, रचनात्मक और अंतर-पीढ़ीगत संवादों के माध्यम से “विरासत और जलवायु” विषय के तहत समर्पित किया जाएगा।
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विश्व विरासत दिवस: इतिहास
1982 में, स्मारकों और स्थलों पर अंतर्राष्ट्रीय परिषद (ICOMOS) ने प्रस्ताव दिया कि 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। बाद में, 1983 में 22वें आम सम्मेलन में UNSECO द्वारा तारीख को मंजूरी दी गई। इसका उद्देश्य सांस्कृतिक विरासत और स्मारकों के बारे में ज्ञान बढ़ाना और लोगों को उनके संरक्षण के लिए संवेदनशील बनाना है। इसलिए, इस दिन को स्मारकों और स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस भी कहा जाता है।
विश्व विरासत दिवस: महत्व
हम सभी जानते हैं कि प्राचीन इमारतें और स्मारक मानव जाति और दुनिया की संपत्ति हैं। हमारे पूर्वजों ने हमें एक जीवंत सांस्कृतिक अतीत दिया है जो व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। विश्व विरासत दिवस स्मारकों और ऐतिहासिक स्थलों और उनसे जुड़ी समृद्ध विरासत की रक्षा और संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त दिन है।
दिन का उद्देश्य और महत्व केवल विभिन्न ऐतिहासिक स्मारकों और स्थलों तक ही सीमित नहीं है। यह एक समुदाय की सांस्कृतिक अखंडता को सुरक्षित रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक रचनात्मक और विविध संस्कृति होने के कारण, हमारा कर्तव्य न केवल उन्हें विरासत में लेना और उनका सम्मान करना है, बल्कि उन्हें किसी भी तरह के नुकसान से बचाना भी है।
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